बिहार चुनाव पर राहुल गांधी का मास्टर प्लान तैयार, हाइड्रोजन से बड़ा धामाका होगा, और सबूत के साथ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस

दोस्तों बिहार चुनाव में चौंका देने वाले रिजल्ट के बाद राहुल गांधी ने एक बार फिर से कमर कस ली है। एक ओर जहां राहुल गांधी बिहार चुनाव पर हाइड्रोजन से बड़ा धमाका करने की तैयारी में लग गए है

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों बिहार चुनाव में चौंका देने वाले रिजल्ट के बाद राहुल गांधी ने एक बार फिर से कमर कस ली है। एक ओर जहां राहुल गांधी बिहार चुनाव पर हाइड्रोजन से बड़ा धमाका करने की तैयारी में लग गए है और उनकी टीम बिहार में एक्टिव हो चुकी है तो वहीं दूसरी ओर बिहार में महागठबंधन की हार के दो बड़े विलेन भी पकड़ लिए गए हैं।

आपको बता दें कि बहुत बड़ी खबर निकल कर सामने आई है कि इस बार कांग्रेस और टीम राहुल न सिर्फ धमाका करेगी बल्कि वो सबूत के साथ सुप्रीम कोर्ट भी जाकर चुनाव को रद्द किए जाने की अपील भी करेगी और जब तक सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी नहीं हो जाता है तक तक चुनाव में हिस्सा विपक्ष नहीं लेगा। जैसे ही ये खबर वायरल हुई है दिल्ली से पटना तक हड़कंप मचा गया है और ज्ञानेश कुमार जी के विभाग ही नहीं बल्कि बीजेपी की भी सिट्टी पिट्टी गुम है। राहुल गांधी बिहार चुनाव में हाइड्रोजन से बड़ा कौन सा धमाका करने की तैयारी में जुट चुके हैं और उनका मास्टर प्लान क्या है। ये हम आपको आपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में बताने वाले हैं। साथ ही इस पर भी चर्चा करेंगे कि हार के दो विलेन कौन हैं।

दोस्तों, बिहार चुनाव के रिजल्ट में जिस तरह का रिजल्ट आया और बीजेपी- जदयू का स्ट्राइक रेट 90 प्रतिशत के आसपास रहा, इस बात ने न सिर्फ बिहार को बल्कि पूरे देश को चौंकाया है। क्योंकि आजतक देश में जिनते भी चुनाव हुए हैं, उन सबमें किसी भी पार्टी का स्ट्राइक रेट 90 प्रतिशत कभी नहीं रहा है। और यही बात है जो न सिर्फ एनडीए की जीत पर सवाल उठा रही है बल्कि एसआईआर और ज्ञानेश कुमार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है। सवाल यह भी खड़े हो रहे हैं कि कैसे वर्ल्ड बैंक के 14 हजार करोड़ रुपए बीच इलेक्शन में लुटाकर चुनाव को खरीद लिया गया है और ज्ञानेश कुमार जी शिकायतें मिलने के बाद कुछ नहीं कर पाए।

आपको बात दें कि बिहार चुनाव का रिजल्ट यूं ही एक दिन में नहीं बदल गया। कांग्रेस का आरोप है कि इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया गया। चुनाव से पहले ज्ञानेश कुमार जी बिहार पहुंच गए और वहां चुनाव से पहले एक बहुत बड़ा फार्मूला एसआईआर के नाम पर लगा दिया गया । इसमें 69 लाख वोट काटे गए और 21 लाख वोट बढ़ाए गए और 5 लाख तो ऐसे वोटर्स बढ़ाए गए जिन्होंने एसआईआर का फार्म तक नहीं भरा और जब सबकुछ कंपलीट हो गया तो फिर भयंकर खेल हुआ। कांग्रेस का दावा है कि ट्रेनों में भर भरकर वोटर्स बिहार भेजे गए और सोशल मीडिया मीडिया पर कई ऐसी वीडिया आप ढूंढेंगे तो जरुर मिल जाएंगी,

जिसमें वोटर्स कई राज्योें से ट्रेनों में भरकर बिहार भेज जा रहे हैं। आपको बता दें कि ये मामला कपिल सिब्बल जैसे सीनियर वकील ने भी उठाया लेकिन इसके बाद भी न तो चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई की और न ही ज्ञानेश कुमार ने इस बातों भयंकर मिस्टेक का संज्ञान में लिया। आपको बात दें कि खुद सोशल मीडिया पर एक दो नहीं लगभग आधा दर्जन ऐसे पोस्ट वायरल हुए है कि कई बीजेपी के लीडर ने बिहार के साथ दूसरे राज्यों में भी वोटिंग की है लेकिन परम ज्ञान वाले ज्ञानेश जी ये बात सबसे सामने बहुत चाव से बताते रहे कि अगर कोई दो जगह वोटर है तो वो वोट डालने थोड़ी न जाता है लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टों ने यह राज खोल दिया कि एक दो जगह नहीं कई ऐसे लोग भी है जो तीन-तीन जगह वोट दे चुके हैं।

आपको बता दें कि कांग्रेस का दावा है कि बिहार चुनाव में दोहरे मतदाता छांटने वाले साफ्टवेयर का इस्तेमाल ज्ञानेश जी के विभाग ने नहीं किया, जिससे बिहार में 14 लाख से ज्यादा वोटर्स दूसरे स्टेट के वोटर्स से टेली खाते हुए रह गए और शायद यही पर ट्रेन से भरकर बिहार भेजे गए लोगों के जरिए खेल कराया गया । आपको बता दें कि अगर इस तरह का साफ्टवेयर है तो इसका इस्तेमाल चुनाव अयोग ने क्यों नहीं किया। क्या ये सवाल ज्ञानेश जी और उनके विभाग पर नहीं उठता है कि जब आप ने एसआईआर किया तो आपको यह ध्यान नहीं रखना चाहिए था कि दोहरे मतदाता वोटर्स लिस्ट में न हो या फिर जानबूझकर इसको छोड़ दिया ट्रेन वाले वोटर्स के लिए। यही बातें हैं जो कहीं न कहीं ज्ञानेश जी के विभाग का कटघरे में खड़ा कर रही है।

वैसे आपको बता दें कि बिहार में करीब 126 सीटें ऐसी है जहां पर एसआईआर में सबसे ज्यादा नाम काटे गए हैं और जो रिजल्ट बिहार का सामने आया है उसमें एक बार बिल्कुल साफ है कि ज्यादातर जगहो पर बीजेपी और जदयू ही जीती है। वैसे आपको बता दें कि जैसे ही रिजल्ट का ऐलान हुआ तो राहुल गांधी ने साफतौर पर यह बात कह दी थी कि – हम ऐसे चुनाव में जीत नहीं हासिल कर सके जिसमें शुरु से ही निष्पक्ष नहीं था लेकिन राहुल गांधी इसके बाद बिहार चुनाव के रिजल्ट को लेकर कल दिन भर एक्टिव रहे और उन्होंने न सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मीटिंग और तेजस्वी यादव से भी फोन करके सारी जानकारी ली। इसके बाद अब बिहार का समूचा विपक्ष इस बात को खोजने में लग गया है कि कहां से कैसे वोट डकैती की गई।

इसको पकड़ने के लिए मेगा प्लान तैयार कर लिया गया है और टीम राहुल बिहार में एक्टिव हो गई है। सूत्र के हवाले से खबर आई है कि टीम सबसे पहले उन 126 विधान सभाओं पर मंथन करेगी जहां बड़े पैमाने पर एसआईआर में वोट काटे गए और बाद में इन जगहों पर बीजेपी की बहुत बड़ी जीत हुई थी। आपको बता दें इस बात न सिर्फ राहुल गांधी की टीम बिहार चुनाव को लेकर हाइड्रोजन से भी बड़ा धमाका करेगी, बल्कि वो सबूत भी लेकर आई जो सुप्रीम कोर्ट में साफ-साफ ये बता सके कि ये वोट चोरी का न सिर्फ बहुत बड़ा मामला है बल्कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान का खुला उल्लघंन भी है और आपको बता दें कि विपक्ष अंदरखाने में इस बात को तय कर रहा है कि जब तक एसआईआर और वोटचोरी का खेल नहीं रुकता है

तब तक चुनाव का बहिष्कार किया जाए, हलांकि अभी इस पर फाइनल फैसला नहीं आया है लेकिन जो खबरें आई हैं, उसमें इस तरह की बातें भी सामने आ रही हैं। ऐसे में महागठबंधन एक बार फिर से बिहार में वोटचोरी के खेल के खिलाफ लामबंद होने की तैयारी में है बल्कि पूरे खेल का पर्दाफाश करने की तैयारी में जुट गया है और इसी कड़ी में बिहार में अदंरखाने के दो बड़े विलेन आरजेडी ने ढूंढ निकाले हैं। वैसे तेजस्वी को इस बात पर यकीन होगा या नहीं लेकिन एक बात साफ है कि तेजस्वी ने अपने पूरे आईटी सेल का हटा दिया है और किसी और ने नहीं बल्कि तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने पूरा मोर्चा खोल दिया है और हार और परिवार का ठीकरा दो लोगों के सिर पर फोड़ा है। आपको बता दें कि दावा किया जा रहा है कि यही दो विलेन हैं , जिसनकी वजह से बिहार चुनाव में मे महागठबंधन को जोर का झटका लगा है।

सुना आपने रोहिणी ने दो नाम लिए है, पहला नाम संजय यादव और दूसरा नाम रमीज का है। आपको बात दें कि पूरे चुनाव के दौरान वही सबकुछ हुआ जो संजय और रमीज ने चाहा लेकिन आखिर में हार की वजह भी उन्हीं दोनों को बताया जा रहा है और जिन लोगों पर तेजस्वी की छवि को चमकाने और जीत दिलाने का जिम्मा था, वो ही हार की वजह बन गए हैं, हलांकि तेजस्वी को अब भी भरोसा नहीं होगा लेकिन जिस तरह से टिकटों में आरजेडी के बड़ा खेल हुआ था और जिस तरीके से महागठबंधन में सीटों को लेकर काफी सिर फुटव्वल हुई थी और सीएम फेस को लेकर जो तेजस्वी यादव और लालू यादव ने हंागमा किया, वो सबकुछ इन्हीं दोनों महानुभावों की कारस्तानी बताई जा रही थी और अब हार के विलेन इन्हीं को तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने बताया है। साथ ही रोहिणी ने

आपको बता दें कि जैसे ही ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई है हंगामा खड़ा हो गया हैं। सवाल ये खड़ा हो रहा है कि रोहिणी को किसने मारा, किसने गाली दी। हालांकि ये हार का एक अंश भर है लेकिन दूसरी ओर बिहार चुनाव को लेकर राहुल गांधी और समूचा विपक्ष न सिर्फ एकजुट है बल्कि टीम राहुल पूरी उर्जा से यह ढूंढने में लग गई है कि आखिर कहां से कैसे बड़ा खेल किया गया है और जल्द ही सबूत के साथ न सिर्फ राहुल गांधी सामने आएंगे बल्कि इस बार सुप्रीम कोर्ट में भी चुनाव रद्द कराने की की मांग भी की जाएगी।

आपको क्या लगात है कि बिहार में जिस तरह की प्रचंड जीत एनडीए को मिली है ये जनादेश है या फिर कोई बहुत बड़ा खेल, जिसमें बिहार के साथ बहुत बड़ा छल किया गया। क्या 126 विधान सभाओं में जहां सबसे ज्यादा वोट कटे वहां पर बीजेपी और जदयू की जीत सबसे बड़ा सवाल नहीं है। क्या 14 लाख से ज्यादा दोहरे वोटर्स को क्यों वोटर्स लिस्ट में रहने दिया गया है। क्या पूरे मामले पर सबूतों के साथ कांग्रेस और विपक्ष को तुंरत सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना चाहिए।

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