’जय बापू, जय भीम‘ नारे के साथ राहुल गांधी का बीजेपी पर तगड़ा हमला

बाबा साहब की जन्म स्थली महू में कांग्रेस ने दिखायी ताकत

एक मंच पर इकट्ठा हुए कांग्रेसी, सभी ने कहा- बीजेपी संविधान को खत्म करना चाहती है

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। मध्यप्रदेश के महू में आज कांग्रेसियों का मेला लगा। राहुल गांधी की अगुवाई में बाबा साहब भीम राव अम्बेडर की जन्म स्थली महू में आज रैली का आयोजन किया गया। रैली में पहुंचे। राहुल गांधी ने मंच से बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान को खत्म करने की साजिश रच रही है। अगर संविधान नहीं रहा तो गरीबों, दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के पास कुछ नहीं बचेगा। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार अडानी-अंबानी को फायदा और गरीबों को नुकसान पहुंचा रही है।
राहुल गांधी ने रैली में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने संविधान खत्म करने की साजिश रची थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी ने दावा किया था कि अगर उन्हें 400 सीटें मिल जाएं तो संविधान बदल देंगे। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें रोक दिया। राहुल ने कहा, संविधान गरीबों का अधिकार है। इसे खत्म करने का मतलब है, गरीबों को उनके अधिकारों से वंचित करना।

कुछ लोगों की सरकार

राहुल गांधी ने कहा कि देश के सभी कॉन्ट्रैक्ट दो-तीन अरबपतियों को दिए जा रहे हैं। अडानी-अंबानी को सारा पैसा और सुविधाएं दी जा रही हैं। राहुल ने कहा, जो जीएसटी आप भरते हैं, वह सीधा अरबपतियों के खाते में जाता है। पेट्रोल-डीजल के दाम घटने के बावजूद भारत में इनके दाम कम नहीं होते। यह सारा पैसा गरीबों की जेब से निकलता है। भारत में चीनी सामान बेचकर अडानी-अंबानी चीनी युवाओं को रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने कहा, आप जो जीएसटी चुकाते हैं, उसका फायदा अरबपतियों को होता है और आपके बच्चों को रोजगार नहीं मिलता।

इकट्ठा हुए कांग्रेसी दिग्गज

कांग्रेस ने कहा कि खडग़े के अलावा राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव जितेंद्र सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी रैली को संबोधित करेंगे। पार्टी ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान उसके नेता और कार्यकर्ता संविधान की रक्षा का संकल्प लेंगे। भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए पटवारी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर संविधान का ‘बार-बार अपमान’ करने का आरोप लगाया।

बीजेपी बदलना चाहती है संविधान

उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान बदलने के लिए लोकसभा में 400 सीटें चाहती है। पटवारी ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और सत्तारूढ़ पार्टी के नेता आरक्षण को चुनौती दे रहे हैं। पटवारी ने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में आंबेडकर का अपमान किया था। उन्होंने कहा ये सभी मुद्दे कांग्रेस के लिए चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की रक्षा के लिए काम किया है, जिसके लिए पार्टी देश भर में ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान चलाएगी।

बीजेपी का एजेंडा

कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने आयोजित जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली में बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा हमारे संविधान को कमजोर करने का है। बाबा साहेब का जो अपमान हुआ, उसके खिलाफ हमने पहले भी आवाज उठाई थी और आज भी रैली के माध्यम से अपनी आवाज उठाई। उन्होंनं कहा कि चुनाव का समय है और भाजपा का एजेंडा लोगों को यूसीसी जैसे विवाद में उलझा कर डिवाइड करने का है। उसी एजेंडे के तहत वह इस तरह के काम कर रहे हैं।

भारत में क्रेडिट कार्ड के उपयोग में हुआ इजाफा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भारत में क्रेडिट कार्ड के उपयोग में सितंबर तिमाही में 34 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि 2023 की समान अवधि में यह आंकड़ा 26 प्रतिशत पर था। इसकी वजह ग्राहकों द्वारा अपनी खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए मौजूदा क्रेडिट कार्ड से अधिक खर्च करना है। यह जानकारी सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई।
ट्रांसयूनियन सिबिल क्रेडिट मार्केट इंडिकेटर (सीएमआई) रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की रिटेल क्रेडिट ग्रोथ में सितंबर 2024 को समाप्त हुई तिमाही में हल्की नरमी देखने को मिली है। इसकी वजह लोन मांग वृद्धि की दर में सामान्य गिरावट और अधिकांश लोन उत्पादों में क्रेडिट की आपूर्ति में कमी होना है।
ट्रांसयूनियन सिबिल के सीईओ और एमडी, भावेश जैन ने कहा, क्रेडिट कार्ड पर खर्च में मजबूत वृद्धि उपभोक्ताओं के बीच इसकी बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है। यह केवल लेनदेन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि क्रेडिट तक आसान पहुंच को भी दिखाती है। जैन ने आगे कहा कि यह लेंडर्स के लिए एक अवसर हो सकता है कि वे ऐसे उपभोक्ताओं की पहचान करें जिन्हें अपने उपभोग के लिए अतिरिक्त लोन की आवश्यकता है और उन्हें बेहतर और किफायती समाधान उपलब्ध कराएं। रिपोर्ट के अनुसार, पर्सनल लोन में सालाना आधार पर दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई, जो कि सितंबर 2024 में 11 प्रतिशत रही है। यह वृद्धि दर पिछले साल के समान अवधि के आंकड़े 32 प्रतिशत से काफी कम है।

जल्द मिलेगा सेबी को नया चीफ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मार्केट रेगुलेटर सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच का कार्यकाल पूरा होने वाला है। सरकार ने उनकी जगह नए चेयरपर्सन के लिए आवेदन मंगाया है। मौजूदा चेयरपर्सन बुच का तीन साल का कार्यकाल 28 फरवरी को खत्म हो रहा है। बुच ने 2 मार्च, 2022 को पदभार संभाला था।
वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने एक सार्वजनिक विज्ञापन में 17 फरवरी तक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। मंत्रालय ने कहा, नियुक्ति कार्यभार संभालने की तारीख से अधिकतम 5 साल की अवधि के लिए या नियुक्त व्यक्ति की उम्र 65 साल होने तक, जो भी पहले हो, के लिए की जाएगी। सरकारी विज्ञापन के मुताबिक, सेबी चेयरपर्सन को भारत सरकार के सचिव के बराबर वेतन मिलेगा। यह फिलहाल 5,62,500 रुपये महीना है। इसमें घर और गाड़ी की सुविधा शामिल नहीं है। वित्त मंत्रालय का यह भी कहना है कि रेगुलेटर के तौर पर सेबी की भूमिका काफी अहम है। ऐसे में चेयरपर्सन के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को कुछ पैमानों पर खरा उतरना होगा।

ट्रंप की ट्रेड नीतियों के शिकार भारतीय शेयर बाजार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाशिंगटन। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों एक प्रतिशत से अधिक फिसल गए। वहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 4 प्रतिशत तक की कमजोरी देखी गई।बाजार में भारी गिरावट का कारण खराब वैश्विक रुझान को माना जा रहा है।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड नीतियों में लगातार अस्पष्टता बनी हुई है। हाल ही में अमेरिका द्वारा दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद अनिश्चितता और बढ़ी है, जिसका असर आज भारत समेत दुनिया के बाजारों पर देखने को मिला। अमेरिका द्वारा यह टैरिफ कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो द्वारा अमेरिकी सैन्य डिपोर्टेशन फ्लाइट्स को रोकने के कुछ ही घंटों बाद लगाया गया था।
बाजार के जानकारों का कहना है कि गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में रह रहे प्रवासियों को कोलंबिया में डिपोर्ट करने से रोकने के जवाब में लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ चिंता पैदा करते हैं। ट्रंप एक फरवरी से कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी पहले ही दे चुके हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या ट्रंप चीन और अन्य देशों पर भी सख्त टैरिफ लागू करेंगे। इसे लेकर बाजार में चिंताएं पैदा हो रही हैं।

जेपीसी से मिली वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी

कांग्रेसी सांसद इमरान मसूद का आरोप- वक्फ संपत्तियों को हड़पने की साजिश
विपक्ष द्वारा सुझाये गये संशोधन के पक्ष में 10 वोट जबकि विरोध में 16 वोट पड़े

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संयुक्त संसदीय समिति ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि 44 संशोधनों पर चर्चा की गई। 6 महीने तक विस्तृत चर्चा के बाद, हमने सभी सदस्यों से संशोधन मांगे। यह हमारी अंतिम बैठक थी इसलिए, बहुमत के आधार पर समिति द्वारा 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया है।
विपक्ष ने भी संशोधन सुझाए थे। हमने उनमें से प्रत्येक संशोधन को आगे बढ़ाया और उस पर मतदान हुआ, लेकिन उनके (सुझाए गए संशोधनों) के समर्थन में 10 वोट पड़े और इसके विरोध में 16 वोट पड़े और वो मंजूर नहीं किया गया।

शीतकालीन सत्र में पेश होगी रिपोर्ट

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी को बजट सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान समिति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। वक्फ संपत्तियों के नियमतीकरण के लिए बने वक्फ एक्ट 1995 की मिस-मैनेजमेंट, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों के लिए आलोचना की जाती रही है। जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है।

संसदीय परंपराओं का नहीं किया गया पालन

पिछली बैठक में हंगामे के बाद कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा था कि संसदीय परंपराओं का पालन नहीं किया जा रहा और यह विधेयक पूरी तरह से समय के खिलाफ है। यह वक्फ की संपत्तियों को हड़पने की एक साजिश प्रतीत हो रही है और इसके माध्यम से देश में नफरत फैलाने की योजना बनाई जा रही है। हमने स्पीकर साहब से सवाल किया कि इतनी जल्दबाजी क्यों है, जबकि इस विधेयक को सत्र के आखिरी दिन, यानी 4 अप्रैल तक रखा जा सकता था।
उन्हें यह आशंका है कि इस तरह की जल्दबाजी से सभी पक्षों को अपनी बात रखने का उचित समय नहीं मिलेगा।

सांसद हुए थे निलंबित

उल्लेखनीय है कि जेपीसी की पिछली बैठक में दौरान हंगामे के बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था। निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए. राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह नदवी, एम. अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक और इमरान मसूद शामिल थे।

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