और तीखे तेवर दिखाएंगे राहुल
- शेल कंपनियों में बेनामी संपत्ति किसकी
- राहुल गांधी बोले- भाजपा को जवाब देना ही होगा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सूरत से दिल्ली वापस आने के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गंाधी फिर आक्रामक रुप में नजर आए। उन्होंने भाजपा व मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा जवाब तो देना ही होगा कि 20 हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति किसकी है। कांग्रेस द्वारा न्यायपालिका पर दबाव डालने के भाजपा के आरोपों पर जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि सबसे पहले भाजपा को जवाब देना चाहिए की अदाणी की शेल कंपनियों किसके हजारों करोड़ रुपये लगे हुए हैं।
राहुल गांधी आज जैसे ही कांग्रेस मुख्यालय में पहुंचे तो कुछ पत्रकारों ने उनसे सूरत कोर्ट में कल उनके द्वारा डाली गई याचिका पर सवाल किया। पत्रकार ने कहा कि भाजपा बोल रही है कि कांग्रेस द्वारा न्यायपालिका पर दबाव बनाया जा रहा है। पत्रकार का सवाल सुनते ही राहुल गांधी बिफर गए और कहा कि आप हमेशा भाजपा की की बात क्यों करते हैं। बता दें कि राहुल गांधी को मोदी सरनेम टिप्पणी को लेकर सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। सूरत कोर्ट के इस फैसले को राहुल ने सोमवार को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी, जहां उन्हें मामले में जमानत मिल गई।
सत्य को मैंने अपना अस्त्र और सहारा माना
सूरत कोर्ट से जमानत मिलने के बाद राहुल गांधी ने एक ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मित्रकाल के खिलाफ और लोकतंत्र को बचाने की जंग लड़ रहा हूं। इस लड़ाई में सत्य को मैंने अपना अस्त्र और सहारा माना है और मैं उसी रास्ते पर चलूंगा।
वास्तविक मुद्दों पर करें सवाल : अजीत पवार
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अजीत पवार ने कहा है कि मंत्रियों की डिग्री पर सवाल उठाना सही नहीं है और लोगों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि एक नेता ने अपने कार्यकाल में क्या हासिल किया है। प्रधानमंत्री मोदी की शैक्षिक योग्यता के बारे में जनसभा को संबोधित करते हुए अजीत पवार ने कहा, कि साल 2014 में क्या जनता ने प्रधानमंत्री मोदी को उनकी डिग्री के आधार पर वोट दिया था? उन्होंने कहा, अब वह नौ साल से देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनकी डिग्री के बारे में पूछना उचित नहीं है। हमें उनसे महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सवाल करना चाहिए। मंत्री की डिग्री कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। अगर हमें उनकी डिग्री पर स्पष्टता मिलती है तो क्या महंगाई कम होगी? क्या उनकी डिग्री की स्थिति जानने के बाद लोगों को नौकरी मिलेगी?
मॉब लिंचिंग मामले में 14 आरोपी दोषी करार, दो बरी
- एससी-एसटी केरल कोर्ट कल करेगा सजा का एलान
- चोरी के शक में हुई थी लिंचिंग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पलक्कड। अट्टापडी मधु लिंचिंग मामलें में केरल की एससी-एसटी कोर्ट ने 14 आरोपियों को दोषी करार दिया है। मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को बरी भी किया है और सजा का एलान कल करने का एलान किया है। बता दें कि मामले में 5 साल बाद फैसला आया है।
केरल के आदिवासी इलाके में मधु को एक जंगल के अंदर पकडक़र पीटा गया था। दरअसल, मधु पर इलाके की दुकानों से चोरी करने का आरोप लगा था और लोगों का कहना था कि ये अक्सर ऐसे करता है। इसी के चलते लोगों के एक समूह ने मधु को जंगल से पकड़ कर अट्टापडी के एक छोटे से जंक्शन मुक्कली में परेड कराई। आरोप है कि इस दौरान उन लोगों ने उसको कई दफा पीटा और इस मारपीट से उसकी मौत हो गई। आरोपियों ने जब मधु के साथ मारपीट की तो उस दौरान 16 लोग मौजूद थे। इन्हीं 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था और कहा गया था कि इन सब ने मधु को काफी पीटने के बाद पुलिस को सौंपा था। आदिवासी युवक को इसके बाद थाने के रास्ते में आए अस्पताल ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर फिर गड़ाई आंख
- 11 स्थानों के नाम बदल जारी की लिस्ट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गुवाहाटी। चीन ने एकबार फिर भारत को उकसाया है। उसने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को फिर मज़बूत करने की कोशिशों के तहत राज्य में 11 स्थानों के लिए नए नामों का सेट जारी किया है। यह तीसरा मौका है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदला है। हालांकि उसकी इस हरकत का भारत के विदेश मंत्रालय ने तुरंत जवाब दिया। चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान कहता है, चीन के गृह मंत्रालय ने सोमवार को चीनी, तिब्बती और पिनयिन अक्षरों में नामों का सेट जारी किया, जो चीन के मंत्रिमंडल की राज्य परिषद द्वारा नियमानुसार जारी किए गए भौगोलिक नामों पर आधारित था।
2018 और 2021 में कर चुका है ऐसी हरकत
इस तरह की पहली दो सूचियां 2018 और 2021 में जारी की गई थीं। चीन ने पहले छह नामों की सूची जारी की थी, जबकि 2021 में उसने अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदला था। नई दिल्ली ने दोनों मौकों पर चीन के दावों को मजबूती से खारिज कर दिया था। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने इस तरह की रिपोर्ट देखी ह, यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है, हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, और रहेगा, ऐसे प्रयास से वास्तविकता नहीं बदलेगी।