राहुल के असम-मणिपुर दौरे से बीजेपी के हाथ-पांव फूले

  • कांग्रेस व भाजपा में शुरू हुआ वार-पलटवार
  • प्रधानमंत्री के रूस दौरे पर भी विपक्ष का सवाल
  • विपक्षी नेता बोले- पीएम के पास मणिपुर जाने का समय नहीं
  • बीजेपी बोली- मणिपुर में जातीय संघर्ष कांग्रेस पार्टी की विरासत
  • पीडि़तों से मिले नेता प्रतिपक्ष

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी के असम व मणिपुर के दौरे से बीजेपी तिलमिला गर्ई है। जहां भाजपा ने इसे बीमार त्रासदी पर्यटन बताया है तो वहीं कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की रुस यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मणिपुर जाने के लिए पीएम के पास एक घंटें का समय भी नहीं है। वहीं असम में बाढ़ प्रभावितों से मिलकर राहुल गांधी ने उनका हाल-चाल पूछा और उनकी हर संभव मदद का भरोसा दिया। राहुल मणिपुर जाएंगे, जहां वह हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर जाने से पहले असम के कछार जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की। असम के कई गांवो में पानी भर जाने से 78 लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोगों को अपने घर खोने पड़े हैं। इन पीडि़तों को राहुल गांधी ने हौंसला बढ़ाया। वे सिलचर पहुंचे और हवाई अड्डे पर असम और मणिपुर के कांग्रेस नेताओं ने उनका स्वागत किया। राहुल ने असम सरकार को भी निशाने पर लिया, और लापरवाही का आरोप लगाया।

केंद्र के सामने उठाएंगे दोनों राज्यों का मुद्दा : राहुल गांधी

असम पहुंचे राहुल को बोरा ने एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनसे आग्रह किया गया कि वे विनाशकारी बाढ़ के मुद्दे को विशेष मामले के रूप में केंद्र के समक्ष उठाएं, ताकि बाढ़ के कारण हुए भारी नुकसान के लिए पर्याप्त राहत और मुआवजा मिल सके। कांग्र्रेस नेता ने कहा की वह यहां की समस्या पर केंद्र सरकार से बात करेंगे। उधर बोरा ने कहा हमारी पीड़ा की आवाज केंद्र तक पहुंचाने के लिए हम आपके आभारी रहेंगे। असम को इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए एक पैकेज मिलना चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार केंद्र से पर्याप्त धन प्राप्त करने में विफल रही है, जो डबल इंजन सरकार की दोहरी विफलता है।

नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को कुछ घंटों के लिए भी मणिपुर जाने का समय नहीं मिला : जयराम

कांग्रेस ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के मणिपुर दौरे की पृष्ठभूमि में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री को कुछ घंटों के लिए भी मणिपुर जाने का समय नहीं मिला और न ही उन्होंने इसकी इच्छा जताई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्सÓ पर पोस्ट किया, नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री आज मॉस्को जा रहे हैं। वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता असम और मणिपुर जा रहे हैं। नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के लिए ढोल पीटने वालों ने इस बात को लेकर बड़े-बड़े दावे किए हैं कि उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को कुछ समय के लिए रुकवा दिया था। उनकी मॉस्को की इस यात्रा के दौरान संभवत: और भी विचित्र दावे किए जाएंगे। रमेश ने कहा कि 14 महीने पहले राज्य में भड़की हिंसा के बाद से यह राहुल गांधी की मणिपुर की तीसरी यात्रा है।

बीमार त्रासदी पर्यटन कर रहे नेता प्रतिपक्ष : मालवीय

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रमेश पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर बीमार त्रासदी पर्यटन में लिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा कांग्रेस की विरासत है। राज्य में दशकों से नागरिकों, पुलिस और सेना के जवानों की हत्याएं होती रही हैं, जबकि कांग्रेस सत्ता में थी। तीसरी बार असफल हुए राहुल गांधी को भूल जाइए, क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित किसी भी कांग्रेस नेता ने, जो असम से राज्यसभा के सदस्य थे, संघर्षग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। बालक बुद्धि (बच्चे जैसी सोच वाला वयस्क व्यक्ति) केवल बीमार त्रासदी पर्यटन में लिप्त है।

ममता सरकार को ‘सुप्रीम’ झटका

संदेशखाली मामले में सीबीआई जांच चलती रहेगी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संदेशखली मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। राशन घोटाले, यौन उत्पीडऩ एवं भूमि हड़पने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 42 मामलों को सीबीआई को ट्रांसफर करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा हैै।
दरअसल आज संदेशखाली मामले मे कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई जांच कराए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणियों से जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने ममता सरकार को झटका देते हुए संदेशखाली केस की सीबीआई जांच करने का फैसला सुनाया था।

राजनीतिक वजहों से मामले को बढ़ाया जा रहा : मनु ङ्क्षसघवी

पश्चिम बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 43 एफआईआर राशन घोटाले मे दाखिल कर दी गई है। राजनीतिक वजहों से इसे बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार से पूछा कि राज्य सरकार किसी को बचाने की क्यों कोशिश कर रहा है।

हेमंत ने हासिल किया विश्वास मत

  • झारखंड सीएम के समर्थन में 45 वोट पड़े
  • भाजपा ने किया विरोध-प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। विश्वासमत के दौरान सोरेन के समर्थन में 45 वोट पड़े। इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड विधानसभा पहुंचे। फिर उन्होंने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान बहुमत साबित किया। चर्चा के बाद पक्ष-विपक्ष के बीच विश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए एक घंटे का समय आवंटित किया है।
विश्वास मत प्राप्त करने के बाद सीएम ने बीजेपी पी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा हम विकास की बात करते हैं वह सिर्फ राजनीति करते हैं। इस बीच, रांची विधानसभा के बाहर भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास प्रस्ताव के दौरान इंडिया ब्लॉक और एनडीए के विधायकों की रणनीति क्या हो, इसके लिए रविवार शाम सत्ता और विपक्ष के विधायकों की बैठक हुई। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्टï्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का विश्वास जताया। वहीं विपक्षी दल एनडीए ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह आसान नहीं होगा। हेमंत सोरेन ने अपने पूर्ववर्ती चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद, चार जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

पूरे महागठबंधन का समर्थन

झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं। हेमंत सोरेन ने तीन जुलाई को सरकार बनाने का दावा पेश किया था, जिसके बाद सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने राज्यपाल को 44 विधायकों की समर्थन सूची सौंपी।

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