राजा भैया ने पलटी बाजी, सपा के साथ जाने की तैयारी! BJP से नहीं बनी बात
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। चौथे चरण का मतदान सम्पन्न हो चुका है। अब देश की निगाहें पांचवें चरण के मतदान पर टिकी हुईं हैं।
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। चौथे चरण का मतदान सम्पन्न हो चुका है। अब देश की निगाहें पांचवें चरण के मतदान पर टिकी हुईं हैं। चुनाव के बीच यूपी में सियासी पारा हाई हो गया है। इस बीच कुंडा विधायक राजा भैया की समर्थकों के साथ बैठक के बाद अब एक बार फिर कयासों का दौर शुरू हो गया है। यूपी में लोकसभा चुनाव के बीच कुंडा विधायक राजा भैया का रोल अहम होते जा रहा है। राजा भैया के एक फैसले से यूपी की सियासत में खलबली मच गई है। दरअसल, राजा भैया ने किसी भी दल को प्रत्यक्ष तौर पर समर्थन देने से इनकार कर दिया है।
आपको बता दें कि पहले कुंडा विधायक से बीजेपी ने समर्थन मांगा था। लेकिन बीते दिन राजा भैया ने समर्थकों के साथ बैठक की और फिर किसी भी पार्टी को समर्थन नहीं देने का ऐलान किया। लेकिन अब सूत्रों की मानें तो राजा भैया की बात समाजवादी पार्टी के साथ बनती हुई नजर आ रही है। सूत्रों के मुताबिक कुंडा विधायक राजा भैया का रोल पूर्वांचल की कौशांबी, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद सीट पर काफी अहम होने जा रहा है। इसकारणवश सपा ने राजा भैया से संपर्क साधा है। बताया जा रहा है राजा भैया सपा का समर्थन कर सकते हैं।
जानिए यूपी में क्यों जरुरी है राजा भैया का रोल
खबरों के मुताबिक राज्यसभा में जब राजा भैया ने समर्थन किया है तो लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी के साथ जाएंगे। हालांकि प्रतापगढ़ की जनसभा में बीते दिन अमित शाह से मुलाकात करने वाले राजा भैया उस वक्त बीजेपी के मंच पर नजर नहीं आए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सबसे पहले सवाल यह उठता है कि आखिर यूपी में दो मुख्य दल समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी, हमेशा राजा भैया का साथ पाने के लिए तैयार क्यों रहते हैं? बीजेपी और समाजवादी पार्टी दोनों अच्छे से जानते हैं कि अगर राजा भैया उनके साथ रहेंगे तो पूर्वांचल की सीटों पर उनके प्रभाव का फायदा उन्हें मिलेगा। इसके अलावा क्षत्रिय मतदाता आसानी से उनके साथ आ सकते हैं। चुनाव विधानसभा का हो या लोकसभा, हर इलेक्शन में राजा भैया का पूर्वांचल की कई सीटों पर असर माना जाता है।