रक्षाबंधन- हर भाई बहन के लिए करे ये काम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भाई-बहन के रिश्ते का सबसे बड़ा पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष 30 और 31 अगस्त 2023 को मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन के नाम से ही स्पष्ट है, ऐसा बंधन या रिश्ता तो रक्षा सूत्र में बंधा हो। रक्षाबंधन के मौके पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी के बदले भाई बहन की रक्षा का वचन लेता है। बहन की हर परेशानी में सहायता करने, उसके सुख दुख में साथ देने का काम एक भाई ही करता है। हालांकि आज के दौर में रक्षा का मतलब बहन पर प्रतिबंध लगाना, उन्हें रोकना टोंकना, घर से बाहर अकेले जाने से मना करना, कपड़ों को लेकर रोकटोक करने मात्र से है। हर भाई को राखी का फर्ज निभाते हुए बहन की रक्षा के लिए कुछ और तरीकों को अपनाना चाहिए। हर भाई को बहन के लिए इन पांच कामों को करना शुरू कर देना चाहिए, ताकि उनके बीच का रिश्ता मजबूत हो सके और भाई की गैरमौजूदगी में भी बहन सुरक्षित रह सके।

रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

31 अगस्त को सिद्ध योग में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इसबार सावन पूर्णिमा 30 अगस्त को दिन के 10:19 बजे से 31 अगस्त की सुबह 7:53 बजे तक रहेगी। लेकिन, 30 अगस्त की शाम तक भद्रा रहने के कारण उदया तिथि की पूर्णिमा में 31 अगस्त की सुबह से रक्षाबंधन होगा।

बहन को सिखाएं आत्मरक्षा के गुण

हर लडक़ी को आत्मरक्षा के गुण आने चाहिए। हर समय भाई बहन के साथ नहीं रह सकता है। स्कूल-कॉलेज से दफ्तर जाने और शादी के बाद ससुराल जाने पर बहन अपने भाई से दूर हो जाती है। ऐसे मौके पर बहन को अपनी रक्षा स्वयं करनी होगी। इसलिए भाई बहन को आत्मरक्षा के बारे में सिखाएं। बहनों का दाखिला कराटे, बॉक्सिंग क्लास में कराएं, ताकि वह किसी अजनबी खतरे से बच सकें।

बहन को रोकें-टोके नहीं

समाज से बहन को बचाने के लिए भाई उन पर रोक टोक लगाते हैं। इससे आप बहन की रक्षा नहीं करते, बल्कि उसे कैद करते हैं। स तरह की सोच से निकलें। बहन अकेले बाहर नहीं जा सकती, देर से घर नहीं आ सकती, अपने मनमुताबिक दोस्त नहीं बना सकती, दुपट्टा के बिना या अपने पसंदीदा कपड़े नहीं पहन सकती, क्योंकि उन्हें इससे खतरा हो सकता है। इबहनों की रक्षा के लिए उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाना गलत है।

बहन का बढ़ाएं आत्मविश्वास

अक्सर लड़कियां बाहर जानें, दूसरों के सामने खुल कर अपने विचार रखने या कई छोटी-बड़ी चीजों से डर जाती हैं। इसका कारण होता है कि उन्हें आत्मविश्वास की कमी होती है। लड़कियां शारीरिक तौर पर कमजोर हो सकती हैं लेकिन हर भाई को अपनी बहन को शारीरिक तौर पर मजबूत बनाने के साथ ही मानसिक तौर पर भी बलवान बनाने की जरूरत होती है। बहन का आत्मविश्वास बढ़ाएं। उन्हें बताएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं। बहन को अकेले बाहर जानें दें, उन्हें अपने काम खुद करने दें।

बहन को बनाएं आत्मनिर्भर

हर भाई को चाहिए कि वह अपनी बहन को आत्मनिर्भर बनाएं। पिता, भाई या पति पर निर्भर रहने के बजाए जीवन में खुद के पैरों पर खड़े रहने की सीख दें। जैसे अगर बहन कॉलेज या दफ्तर जाने के लिए आप पर निर्भर है तो उसे स्कूटी या कार ड्राइव करना सिखाए और अकेले जाने के लिए प्रोत्साहित करें। बहन अगर घर पर मां के साथ घरेलू कामों में हाथ बंटाती है तो उसे पढ़ाई और नौकरी के लिए प्रोत्साहित करें। आर्थिक तौर पर भी बहन को आत्मनिर्भर बनाएं।

फैसले में दें बहन का साथ

अधिकतर लड़कियों के जीवन के फैसले पहले पिता या भाई और शादी के बाद पति लेते हैं। लडक़ी को क्या पहनना है, कहां और क्या पढऩा है, नौकरी और फिर शादी तक के हर बड़े फैसले में उनसे अधिक माता पिता का हस्तक्षेप होता है। रक्षा का वचन देने वाले भाइयों को बहन के अधिकारों की रक्षा भी करनी चाहिए। बहन के जीवन के फैसले उसे खुद लेने दें। उन्हें फैसले लेना सिखाएं और उनके फैसलों में साथ दें ताकि जब आप उनके पास न हों तब भी वह निडरता से अपने जीवन को किस राह ले जाना है, यह खुद तय कर सकें।

 

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