राम दरबार साकार: 23 मई को अयोध्या में प्रथम तल पर मूर्तियों की प्रतिष्ठा, 5 जून को प्राण प्रतिष्ठा

23 मई 2025 को मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम, सीता माता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की जाएगी।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और अब एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गया है। 23 मई 2025 को मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम, सीता माता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियों की प्रतिष्ठा की जाएगी। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक बन चुका है। जयपुर के शिल्पकारों द्वारा निर्मित ये भव्य मूर्तियाँ 22 मई को अयोध्या पहुंचेंगी। इसके बाद मंदिर परिसर में विधिवत प्रतिष्ठा की जाएगी।

मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर 5 जून 2025 को इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके साथ ही मंदिर के चारों ओर भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण भी किया जा रहा है, जो इस ऐतिहासिक स्थल की भव्यता को और बढ़ाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, यह आयोजन हर रामभक्त के लिए एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण होगा। वर्षों के संघर्ष, तप और जनसमर्थन से पूर्ण हो रहे राम मंदिर में अब राम दरबार का भव्य स्वरूप साकार हो रहा है।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को उनके भव्य सिंहासन पर विराजमान करने की सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। मंदिर के प्रथम तल पर विशेष रूप से तैयार किए गए मंच पर ये मूर्तियाँ स्थापित की जाएंगी, जहां से श्रद्धालु राम दरबार के दर्शन कर सकेंगे। यह आयोजन अयोध्या ही नहीं, संपूर्ण भारतवर्ष के लिए श्रद्धा और संस्कृति का अद्वितीय संगम साबित होगा।

यहां भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां बाद में स्थापित की जाएंगी. इन सभी प्रतिमाओं को जयपुर के प्रसिद्ध शिल्पकारों ने विशेष सफेद संगमरमर से गढ़ा है. मूर्तियों को हेम्मार्क फोटोग्राफिक तकनीक से इतनी बारीकी से बनाया गया है कि उनमें जीवंतता प्रतीत होती है. मूर्तियां 21 मई को जयपुर से अयोध्या के लिए रवाना होंगी और 22 मई को मंदिर परिसर में पहुंचेंगी. अगले दिन, यानी 23 मई को रामलला को विधिवत प्रथम तल पर विराजमान किया जाएगा.

गंगा दशहरा पर होगा आयोजन
इस पूरे आयोजन की सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. मूर्तियों की यात्रा के दौरान सुरक्षा एजेंसियों द्वारा विशेष प्रबंध किए गए हैं. अयोध्या में यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी बन चुका है. इसके साथ ही 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य अनुष्ठान आयोजित किया जाएगा.

बन रहे चारों दिशाओं में द्वार
श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस आयोजन के लिए देशभर के विद्वान वैदिक आचार्यों को आमंत्रित किया है. वैदिक मंत्रोच्चारण और परंपरागत विधियों के साथ इस अनुष्ठान को संपन्न किया जाएगा. यह अवसर पूरे देश के लिए आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनेगा. इसी बीच मंदिर परिसर में चारों दिशाओं में चार भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण भी तेजी से जारी है.

तेजी से बन रहा दक्षिण दिशा का द्वार
दक्षिण दिशा का प्रवेश द्वार सबसे तेजी से बन रहा है और अब तक इसका 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. यह द्वार लगभग 17 मीटर ऊंचा, 30 मीटर लंबा और 11 मीटर चौड़ा होगा. इसे लाल बलुआ पत्थर से बनाया जा रहा है. पत्थर से मंदिर का गर्भगृह और प्रथम तल बना है. प्रवेश द्वारों पर गज, अश्व, सिंह और पुष्प आकृतियों की सुंदर नक्काशी की जा रही है. यह प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प और संस्कृति का जीवंत प्रतीक है. पश्चिम दिशा में प्रस्तावित प्रवेश द्वार की योजना भी कार्यान्वित हो रही है और शीघ्र ही उसका निर्माण कार्य भी आरंभ होगा.

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