झूठ बोल रहे रविशंकर: बिहार सरकार
- प्रसाद व सिन्हा के घर जाकर लिया गया था जातिगत विवरण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आरोप लगाया था कि जाति आधारित गणना करने वाली टीम ने उनके परिवार का सर्वे नहीं किया है। और, न ही उनका हस्ताक्षर लिया है। दोनों भाजपा नेताओं ने जाति आधारित गणना के रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था। अब बिहार सरकार की ओर से इस पर जवाब आया है। सरकार का कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं वह गलत और झूठे हैं।
पटना जिला प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई है कि यह आरोप लगाया गया है कि एक सांसद और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के परिवार की जाति आधारित गणना नहीं गई है। इस संबंध में निदेशानुसार यह स्पष्ट किया जाता है कि उनके क्षेत्र के प्रगणक द्वारा सांसद और नेता, प्रतिपक्ष के घर जाकर विहित प्रपत्र में गणना की गई है। सभी सूचनाओं के साथ गणना प्रपत्र उपलब्ध है। दिशा-निदेशों के अनुसार व्यक्तिगत सूचना की गोपनीयता की शर्त के कारण उक्त गणना से संबंधित जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब सीट से भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भाजपा कार्यालय मीडिया से बातचीत के दौरान बुधवार को कहा था कि जातीय गणना की रिपोर्ट के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा किया गया है। उनके घर जनगणना के लिए एक टीम आई थी,लेकिन वह गेट से वापस चली गई। यहां तक कि गणना करने वाले ने न उनसे मुलाकात की और न ही उनका हस्ताक्षर नहीं लिया। वह पटना साहिब के सांसद हैं। जब उनके साथ ऐसा हुआ है तो बिहार के अन्य लाखों लोगों के साथ इसी तरह का फर्जीवाड़ा हुआ होगा। रविशंकर प्रसाद ने दावा किया कि जाति गणना में बिना सभी लोगों से मिले रिपोर्ट बना दी गई और कई जातियों की संख्या को कम बता दिया है।
जातिगत जनगणना अच्छा काम : आनंद मोहन
पूर्व सांसद बाहुबली आनंद मोहन सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत भी हुई। आनंद मोहन का मानना है कि बिहार सरकार ने जाति आधारित गणना करवा कर अच्छा काम किया है, लेकिन रिपोर्ट में कुछ त्रुटि है। इसमें सुधार की आवश्यकता है। आनंद मोहन ने सीएम नीतीश कुमार से राजद के विवाद पर भी बात की और चुनावी रणनीति को लेकर भी चर्चा की। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने जाति आधारित गणना को लेकर बिहार सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि गणना करवाकर सरकार ने अच्छा काम किया है। हालांकि, इसमें कुछ त्रुटि है, जिसे सुधार की आवश्यता है। जाति आधारित गणना, आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति को देखते हुए की जानी चाहिए थी, इसके कुछ चूक हो गई।