बिहार: भूमि सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की हड़ताल जारी, RJD ने दिया समर्थन
आरजेडी की ओर से कहा गया है कि "सरकार को इन लोगों की बात को मनाना होगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सरकार के अल्टीमेट के बाद भी संविदा कर्मियों की हड़ताल जारी है. अब उनका समर्थन करने के लिए आरजेडी आगे आ गई, जिसने सरकार से अपील की कि अपनी दमनकारी नीति को छोड़ दें.
बिहार में भूमि सर्वे के लिए बहाल किए गए अमीन, कानूनगो और अभियंता समेत सभी सर्वेक्षण संविदा कर्मी अपनी पांच सुत्री मांगों को लेकर पिछ्ले 16 अगस्त हड़ताल पर है. तीन दिनों का आमरण अनशन भी कर चुके हैं, जिसमें अब तक चार लोगों की हालत भी बिगड़ गई है. पीएमसीएच रेफर भी किया गया. वहीं विभाग ने उन्हें अल्टीमेट देते हुए कहा कि अगर 30 अगस्त तक कर्मी वापस आते हैं तो उन पर विचार किया जाएगा और नहीं आते हैं तो कार्रवाई होगी.
अल्टीमेट के बाद भी संविदा कर्मियों का हड़ताल जारी है और उनका समर्थन करने के लिए अब आरजेडी आगे आ गई है. आरजेडी की ओर से कहा गया है कि “सरकार को इन लोगों की बात को मनाना होगा. अगर नही मानती है तो हमारी सरकार आएगी तो इन लोग के साथ न्याय किया जाएगा और इन लोग की जो भी मांग है उसे पूरी की जाएगी.”
संविदा कर्मियों के धरना स्थल पर आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पहुंचे और उन्होंने कहा कि हमारे नेता तेजस्वी प्रसाद यादव का यह फैसला है कि इंडिया गठबंधन और आरजेडी की सरकार आती है तो बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा यह पहली प्राथमिकता होगी. संविदा कर्मी जो आज धरना पर बैठे हैं. इन सब के साथ न्याय होगा और इन लोगों को परमानेंट हम लोग करेंगे.
नीतीश सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि “मैं सरकार से अपील करता हूं कि अपनी दमनकारी नीति को छोड़ दें और संविदा कर्मियों की आवाज को सुने और इनके साथ में वही बर्ताव करें, जो अन्य संविदा कर्मियों के साथ पहले से सरकार ने किया है. हम मांग करते हैं कि आज ही सरकार का प्रतिनिधि आकर इनसे मिले और इनकी मांगों पर विचार करें नहीं तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.” उन्होंने कहा कि जब नौजवानों की आंधी चल चुकी है, बेरोजगारों की आंधी चल चुकी है तो संविदाकर्मियों की आंधी को आप रोक दीजिएगा यह अनहोनी बात है.
बता दें कि पूरे बिहार में करीब 13000 विशेष सर्वेक्षण के लिए संविदा कर्मी बहाल किए गए हैं, जिसमें विशेष सर्वेक्षण अमीन, कानूनगो, अभियंता एवं अन्य विशेष सर्वेक्षण कर्मी है. इन लोगों की मुख्य मांग है कि हमलोग को 60 साल की नियमित नौकरी की जाए, लेकिन विभाग से सीधे तौर पर इनकार कर दिया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने साफ कर किया है कि यह प्रावधान में नहीं है. अगर 30 अगस्त तक आते हैं तो उन पर विचार किया जाएगा और जो नहीं आते हो पर ना तो विचार किया जाएगा.
आपको बता दें,कि हड़ताल पर डटे संविदा कर्मियों में 10 कर्मी आमरण अनशन पर हैं, जिसमें दो की हालत पहले बिगड़ गई थी और आज रविवार को दो और संविदा कर्मी की हालत बिगड़ गई है, जिस जिस पीएमसीएच भेजा गया है .हालांकि विभाग के आंकड़ों के अनुसार करीबी 21सौ संविदा कर्मी आंदोलन छोड़कर काम पर वापस आ गए हैं. तो 383 संविदा कर्मियों को बर्खास्त भी किया जा चुका है. इसके बाद भी आंदोलनकारीयो का साफ तौर पर कहना है कि वह तो बर्खास्त करना शुरू कर दिए है लेकिन हम लोग बर्खास्तगी से डरने वाले नहीं हैं, जब तक विभाग हम लोगों से इस मसले पर बात नहीं करेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.



