रोहित शर्मा के सनसनीखेज आरोप से क्रिकेट जगत में खलबली

नई दिल्ली। टीम इंडिया के कप्तान रोहित ने ऐसा सनसनीखेज आरोप लगाया कि जिससे पूरे भारतीय क्रिकेट जगत में खलबली मच गई है। बांग्लादेश से वनडे सीरीज गंवाने के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने नेशनल क्रिकेट एकेडमी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. रोहित शर्मा ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि टीम आधे-अधूरे फिट खिलाडिय़ों के साथ नहीं खेल पाएगी. सवाल ये है कि आखिर रोहित शर्मा को कौन सा खिलाड़ी आधा-अधूरा फिट मिला? रोहित शर्मा ने साफतौर पर कहा कि पूरी टीम को नेशनल क्रिकेट एकेडमी में बैठने की जरूरत है और साथ ही ये पता लगाने की जरूरत है कि आखिर खिलाडिय़ों को इतनी चोट के पीछे क्या कारण हैं.


रोहित शर्मा ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे के बाद कहा, ‘हमें एनसीए में बैठकर खिलाडिय़ों के वर्कलोड पर नजर रखने की जरूरत है. हम आधे-अधूरे फिट खिलाडिय़ों को देश का प्रतिनिधित्व नहीं करा सकते. देश का प्रतिनिधित्व करना बहुत गर्व और सम्मान की बात है और अगर वो पूरी तरह फिट नहीं हैं तो ये आदर्श स्थिति नहीं है. हमें बस इसकी तह तक जाकर ये पता लगाने की जरूरत है कि वास्तव में इसके पीछे क्या वजह है.’

‘देश के लिए 100 फीसदी से ज्यादा फिटनेस जरूरी’

रोहित शर्मा ने कहा कि ये समझना अहम है कि जब भी कोई खिलाड़ी भारत के लिए खेलने आता है तो उसे 100 फीसदी से ज्यादा फिट होना चाहिए. बता दें मौजूदा वनडे सीरीज में ही रोहित शर्मा खुद चोट की वजह से बाहर हो गए हैं. वहीं दीपक चाहर और कुलदीप सेन भी चोट के चलते बाहर हो चुके हैं. दीपक चाहर तो लगातार चोटों का शिकार हो रहे हैं. आईपीएल से पहले भी उन्हें इंजरी हुई थी. काफी समय पर उन्होंने वापसी की और एक बार फिर वो चोटिल हो चुके हैं.

आधी टीम इंडिया है चोटिल!

टीम इंडिया के चोटिल खिलाडिय़ों की लिस्ट छोटी नहीं है. जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, रवींद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी चोटिल हैं. बुमराह ने तो लंबे आराम के बाद टीम इंडिया में वापसी की थी लेकिन 2-4 मैच खेलने के बाद ही वो एक बार फिर अनफिट हो गए और वो टी20 वल्र्ड कप भी नहीं खेल पाए. रवींद्र जडेजा भी एशिया कप में चोटिल होने के बाद अबतक फिट नहीं हो पाए हैं. खराब फिटनेस की वजह से भारत अपनी फुल स्ट्रेंथ टीम नहीं उतार पा रहा है और शायद ये उसके गिरते प्रदर्शन की वजह भी है.
बेंगलुरू में स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी का काम भविष्य के खिलाडिय़ों के अलावा वर्तमान क्रिकेटर्स की फिटनेस और उनके खेल के स्तर को बढ़ाना है. कोई भी खिलाड़ी अगर चोटिल होता है तो उसे एनसीए ही जाना होता है. पिछले कुछ महीनों में बुमराह, चाहर, शमी जैसे खिलाडिय़ों ने एनसीए में काफी समय बिताया है. एनसीए के ग्रीन सिग्नल के बाद ही ये खिलाड़ी टीम इंडिया से जुड़ते हैं लेकिन कुछ मैचों के बाद ये फिर चोटिल हो जाते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या एनसीए ठीक से काम नहीं कर रही? क्या बीसीसीआई को इसकी जांच करने की जरूरत है?

 

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