रूमानी सिनेमा मेरी फिल्मों की हिट श्रेणी: शाहिद कपूर
कबीर सिंह और ‘ब्लडी डैडी’ जैसी हिंसक फिल्में करने के बाद अभिनेता शाहिद कपूर अब वापस रूमानी फिल्मों की तरफ लौट रहे हैं। शाहिद कपूर का मानना है कि हाल के बरसों में रूमानी फिल्मों की संख्या घटी है लेकिन फिर भी उन्होंने फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया इसीलिए स्वीकार की क्योंकि रूमानी फिल्म होते हुए भी ये एक अलग बात कहती है। उन्होंने पहली बार इस फिल्म में कृति सेनन, धर्मेंद्र और डिंपल कापडिय़ा के साथ काम किया है। मेरे मन में हमेशा यह इच्छा रहती है कि अगर कोई काम कर रहा हूं तो कुछ वक्त के लिए उससे बंधा रहूं। पिछले कुछ साल में जो किरदार निभाए वह थोड़े गंभीर और नाटकीय रहे हैं। मुझे लगा कि इस छवि को थोड़ा सा हल्का करना चाहिए। अपने आपको को इतनी गंभीरता से भी नहीं लेना चाहिए। मुझे तलाश थी प्रेम कहानी की, जो मेरी फिल्मों की हिट श्रेणी रही है और जैसी फिल्में लोगों को पहले पसंद आई हैं। मुझे अच्छा लगा काम करके, दर्शक के रूप में खुद मैं इस इस तरह के सिनेमा को बहुत मिस कर रहा था। प्रेम कहानी में नई बात यह होनी चाहिए कि इसमें नया क्या है? हर प्रेम कहानी में कोई न कोई समस्या आती ही रहती है। फिल्म तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया की प्रेम कहानी में बहुत ही अद्वितीय समस्या है। मुझे इस बात की उम्मीद नहीं थी कि इस तरह के विषय पर फिल्म बनाने के लिए कोई कभी सोचेगा भी। मुझे फिल्म की कहानी बहुत ही मनोरंजक और विश्वसनीय लगी। जब मैं फिल्म की स्क्रिप्ट सुन रहा था तो मैं बहुत हंस रहा था। मेरे साथ मेरी एक दोस्त अश्वनी भी हंस हंस कर गिरी जा रही थी। मैंने उनको जिंदगी में इतना हंसते हुए कभी नहीं देखा। इस फिल्म में हम ऐसे रोबोट की बात कर रहे हो जो इंसान के बहुत करीब है। विषय ज्यादा भारी नहीं है। टिपकल फनी लव स्टोरी के अंदर इस चीज को फिल्म में ऐसा जोड़ा गया है जिसमें सारी घटनाएं हो रही, मुझे इस फिल्म में यह बात बहुत अच्छी लगी। मुझे यह भी अनुभव हुआ कि आज के जमाने में हम उस दौर से गुजर रहे हैं जहां पर टेक्नोलॉजी से हमारा सामना होता जा रहा है और हम टेक्नोलॉजी पर निर्भर होते जा रहे हैं।