संसद से सड़क तक संग्राम, कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अदाणी मामले को लेकर कांग्रेस ने देशभर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ता एसबीआई और एलआईसी कार्यालयों के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अन्य विपक्षी दल डीएमके,एनसीपी, बीआरएस, जदयू, सपा, सीपीएम, सीपीआई, केरल कांग्रेस (जोस मणि), जेएमएम, राजद, आरएसपी, आप, आईयूएमएल, राजद और शिवसेना ने संसद सत्र से पहले अहम बैठक की। मीटिंग मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में हुई। इस दौरान अदाणी-हिंडनबर्ग और अन्य मुद्दों पर रणनीति बनाने पर चर्चा हुई।
सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव देंगे। अदाणी मामले पर चर्चा की मांग की जाएगी। इसके अलावा कोई और काम नहीं होगा। अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर आज विपक्षी दलों ने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया था। विपक्षी दलों ने अदाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और शेयरों में हेराफेरी के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस ने जंतर-मंतर पर अदाणी मुद्दे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वहीं यूपी में भी कांग्रेस ने जमकर प्रदर्शन किया। उधर जम्मू-कश्मीर में अदाणी मुद्दे को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। विरोध-प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जम्मू में बैरिकेडिंग तोडऩे की कोशिश की। कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने दिल्ली में अदाणी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया और जेपीसी जांच की मांग की। बेंगलुरु में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) जांच की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। अदाणी मुद्दे को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मुंबई में एसबीआई कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। हैदराबाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एसबीआई कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। तमिलनाडु के चेन्नई में कांग्रेस ने एलआईसी कार्यालय के बाहर (अदाणी स्टॉक क्रैश) मुद्दे पर प्रदर्शन किया।

देश में जो गड़बड़ी हो रही है उस पर पीएम जवाब दें : खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमने जो नोटिस (267) दिया है, उस पर चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि ये राष्टï्रपति के अभिभाषण से अलग विषय है। हम चाहते हैं कि पहले इस पर चर्चा हो।राष्टï्रपति के अभिभाषण पर हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन पूरे देश में जो गड़बड़ी हो रही है उस पर पीएम जवाब दें। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में अदाणी समूह के मामले की जांच की मांग को लेकर विपक्षी सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के विरोध में इक_ा हुए। विपक्षी सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। संसद की कार्यवाही 11 बजे शुरू हई। लोकसभा में विपक्षी सांसद वेल में आकर लगातार नारेबाजी करने लग। लोकसभा सांसद विपक्षी सांसदों से चर्चा होने देने की मांग कर रहे थे। अदाणी मामले पर कांग्रेल सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हम ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) जांच चाहते हैं, सरकार हर चीज को छिपाना चाहती है। सरकार की पोल खुल गई है।

लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित

बजट पेश होने के बाद से अब तक संसद में एक भी दिन चर्चा नहीं हो पाई है। गौतम अदाणी मामले को लेकर विपक्षी दल लगातार संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं और इस मामले पर संसदीय कमेटी बनाने की मांग कर रहे हैं, उधर सत्ता पक्ष राष्टï्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की मांग कर रहा है। दोनों की जिद के चलते जनता से जुड़े मामले नहीं उठ पा रहे हैं। इसकी वजह से सदन की गरिमा को ठेस पहुंच रही है।
आज भी हंगामे के बाद लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया है। उधर, कांग्रेस ने आज देश भर में एलआईसी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रही है। राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों का प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया है। विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही को दो बजे तक स्थगित कर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के 5 नए जजों ने ली शपथ

32 हुई शीर्ष अदालत में कुल न्यायाधीशों की संख्या

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय को पांच नए न्यायाधीश मिल गए हैं, जिससे शीर्ष अदालत में कुल न्यायाधीशों की संख्या 32 हो गई है। उच्चतम न्यायालय के लिए स्वीकृत न्यायाधीशों की संख्या 34 है। सोमवार को क्रमश: राजस्थान, पटना और मणिपुर के उच्च न्यायालयों के तीन मुख्य न्यायाधीशों – न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल और पीवी संजय कुमार के साथ पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने शपथ ली।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा इन्हें शपथ दिलाई गई। यह समारोह अदालत के नए भवन में सभागार में आयोजित हुआ।पांच न्यायाधीशों में सबसे वरिष्ठ न्यायमूर्ति मित्तल हैं, जिनका मूल कैडर इलाहाबाद उच्च न्यायालय है. वह पिछले साल 14 अक्टूबर से राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे। न्यायमूर्ति मित्तल को 7 जुलाई, 2006 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 2 जुलाई, 2008 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने 4 जनवरी, 2021 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए साझा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति करोल हैं, जिनका मूल उच्च न्यायालय कैडर हिमाचल प्रदेश है, पदोन्नति के समय वे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, न्यायमूर्ति करोल का जन्म 23 अगस्त, 1961 को हुआ। शिमला के प्रतिष्ठित सेंट एडवर्ड स्कूल से पढ़ाई के बाद उन्होंने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, शिमला से इतिहास में ऑनर्स के साथ स्नातक किया। न्यायमूर्ति करोल 1998 से 2003 तक हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता भी रहे और 8 मार्च, 2007 को हिमाचल हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे।

अब कर्णप्रयाग के कई घरों में दरारें

38 घरों के परिवार शिफ्ट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक 38 घरों में दरारें देखने को मिली हैं। प्रशासन ने आनन-फानन प्रभावित हुए सभी मकानों को खाली करा करा लिया है।
उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों में आई दरारों के बाद बेघर हुए लोगों का दर्द अभी कम भी नहीं हुआ है कि उससे पहले ही राज्य के एक और शहर में वैसी ही दरारें देखने को मिली हैं। प्रदेश के चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं। जानकारी के मुताबिक अब तक 38 घरों में दरारें देखने को मिली हैं। प्रशासन ने आनन-फानन प्रभावित हुए सभी मकानों को खाली करा करा लिया है। सभी प्रभावित 38 परिवार को नगर पालिका के रैन बसेरों और आटीआई कॉलेज की कक्षाओं में शिफ्ट कर दिया गया है। वहीं हालात पर प्रशासन करीब से नजर बनाए हुए है। इसी के ही साथ जोशीमठ में भू-धसाव को लेकर केंद्र सरकार के मंत्री विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने लोकसभा में एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि जोशीमठ में भू-धसाव से पहले तपोवन में हिमस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई थीं। इसकी वजह से बिजली परियोजना का काम रोकना पड़ा था। उन्होंने कहा कि जोशीमठ और उसके आस पास कोई जल विद्युत परियोजना नहीं है।

असम में बाल विवाह के खिलाफ ऐक्शन जारी

अब तक कुल 2,441 लोगों को किया गया गिरफ्तार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गुवाहाटी। असम में बाल विवाह से जुड़े मामलों में पुलिस का एक्शन जारी है। विपक्ष की आलोचना और प्रदर्शन के बीच असम पुलिस ने राज्य में बाल विवाह के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखी, और तीन दिन में कुल 2,441 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा था कि अगले विधानसभा चुनाव तक इस सामाजिक कुरीति के खिलाफ मुहिम जारी रहेगी, जिस पर विपक्षी खेमे ने विरोध जताया और इस मुहिम को जल्दबाजी में चलाया गया प्रचार का हथकंडा बताया।

दर्ज 4,074 प्राथमिकियों के आधार पर हुई गिरफ्तारियां

अधिकारियों ने कहा कि ये गिरफ्तारियां समूचे राज्य में दर्ज 4,074 प्राथमिकियों के आधार पर की गई हैं। पुलिस ने एक बयान में कहा कि कम से कम 139 लोगों को विश्वनाथ जिले में पकड़ा गया। इसके बाद बारपेटा में 130 और धुबरी में 126 लोगों को पकड़ा गया।

Related Articles

Back to top button