संजय राउत का मोदी पर तीखा तंज, कहा- ‘सौगात-ए-घोटाला’ में बदल जाएगा ‘सौगात-ए-मोदी’ 

संजय राउत ने 'सौगात-ए-मोदी' को लेकर तीखा तंज कसा है... साथ ही ये आशंका भी जताई कि 'सौगात-ए-मोदी' को 'सौगात-ए-घोटाला' वोट में बदला जा सकता है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः देश की सियासत में पिछले कुछ दिनों से एक नया मुद्दा गरमाया हुआ है…… भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू की गई….. ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना, जिसके तहत रमजान….. और ईद के मौके पर देश भर के 32 लाख गरीब मुस्लिम परिवारों को खाने का सामान….. और कपड़ों की किट बांटने का वादा किया गया…… जो अब विवादों के घेरे में है…… इस योजना को जहां बीजेपी अपने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे का हिस्सा बता रही है……. वहीं विपक्ष इसे एक राजनीतिक हथकंडा और वोट बैंक की सियासत करार दे रहा है……. इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने इस योजना पर तीखा हमला बोला है….. और उन्होंने इसे “मुसलमानों को बहलाने की कोशिश” करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…… और बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाए हैं…… संजय राउत के इस बयान ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया है…… और बीजेपी को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है….. आइए इस खबर को पूरी गहराई के साथ समझते हैं…..

देश का इन दिनों राजनीतिक माहौल बेहद संवेदनशील दौर से गुजर रहा है…… सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच बयानबाज़ी का दौर तेज हो गया है….. इसी बीच राज्यसभा सांसद व शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत का बयान आया है…… जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक गतिविधियों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है…… संजय राउत के अनुसार, धर्म के आधार पर लोगों को आघात पहुंचाया जा रहा है…… वहीं ये आरोप भी लगाया गया है कि ‘लाड़की बहिन’ योजना के माध्यम से हर बूथ पर वोट प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया गया……

इसके अलावा संजय राउत ने रमजान में केंद्र सरकार द्वारा मुस्लिम जरूरतमंदों को दी जा रही ‘सौगात-ए-मोदी’ पर भी तंज कसा है…… और उन्होंने कहा कि इस सौगात के जरिए मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में यह प्रचार किया जाएगा कि मुसलमानों ने सरकार को वोट दिया है…… इस संदर्भ में, चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी की संभावनाओं की ओर संकेत दिया गया है…… शिवसेना (UBT) के नेता ने इस रणनीति को सोची-समझी योजना करार दिया है….. जिससे चुनावी लाभ उठाने की कोशिश की जा रही है……. साथ ही ये आशंका भी जताई कि ‘सौगात-ए-मोदी’ को ‘सौगात-ए-घोटाला’ वोट में बदला जा सकता है…… और ये कहेंगे कि मुसलमान सौगात-ए-मोदी से खुश है और बीजेपी को वोट दे दे रहे हैं……

आपको बता दें कि ‘सौगात-ए-मोदी’ बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की एक पहल है…… जिसके तहत रमजान और ईद के मौके पर गरीब मुस्लिम परिवारों को एक किट दी जा रही है……. इस किट में सेवई, चीनी, मेवे, खजूर, बेसन, और कपड़े जैसे सामान शामिल हैं…… बीजेपी का दावा है कि यह योजना गरीब मुस्लिम परिवारों को त्योहार की खुशियां मनाने में मदद करेगी…… पार्टी के 32 हजार कार्यकर्ता देश भर की 32 हजार मस्जिदों के जरिए यह किट जरूरतमंदों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखते हैं……. योजना की शुरुआत 25 मार्च 2025 को दिल्ली के निजामुद्दीन…… और नवी मुंबई से हुई……. बीजेपी इसे एक सामाजिक पहल बता रही है…… लेकिन विपक्ष इसे महज चुनावी स्टंट मानता है……

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इस योजना पर अपनी प्रतिक्रिया में कोई कसर नहीं छोड़ी….. और उन्होंने इसे “मुसलमानों को बहलाने की कोशिश” करार देते हुए कहा कि एक तरफ बीजेपी ‘सौगात-ए-मोदी’ किट बांट रही है……. दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार के मंत्री मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं……. राउत ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यह योजना वास्तव में गरीबों की मदद के लिए है……. या फिर इसका मकसद मुस्लिम वोटों को लुभाना है…… और उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर सरकार ऐसी मदद करती है तो स्वागत है…… लेकिन क्या महाराष्ट्र के बीजेपी नेता इसे स्वीकार करेंगे……. वे तो मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलते हैं……

वहीं राउत ने इस योजना को “सौगात-ए-घोटाला” तक कह डाला……. उनका कहना था कि बीजेपी इसे वोट में बदलने की कोशिश कर रही है……. यह कहकर कि “मुसलमान सौगात-ए-मोदी से खुश हैं और बीजेपी को वोट दे रहे हैं……. यह बयान न सिर्फ बीजेपी के लिए शर्मिंदगी का सबब बना……. बल्कि इसने पूरे देश में एक नई बहस छेड़ दी…… राउत ने यह भी आरोप लगाया कि यह योजना एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है….. जिसका मकसद आगामी चुनावों में अल्पसंख्यक वोटों को अपने पक्ष में करना है……

बीजेपी ने राउत के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह योजना राजनीति से प्रेरित नहीं है…… बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा कहते हैं कि….. वह 140 करोड़ भारतीयों के अभिभावक हैं…… और मोदी सभी त्योहारों में हिस्सा लेते हैं….. चाहे क्रिसमस हो, ईस्टर हो, या बैसाखी…… यह योजना उसी भावना का हिस्सा है……. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने भी इसे “सबका साथ, सबका विकास” का प्रतीक बताया…… उनका कहना था कि यह पहल गरीबों तक खुशियां पहुंचाने के लिए है, न कि वोट बैंक की सियासत के लिए……

हालांकि, बीजेपी का यह बचाव विपक्ष को शांत करने में नाकाम रहा……. राउत के बयान के बाद दिल्ली में आयोजित ‘सौगात-ए-मोदी’ कार्यक्रम में भारी अव्यवस्था देखने को मिली…… महिलाओं की भीड़ किट लेने के लिए मंच पर टूट पड़ी……. जिसके बाद दुष्यंत गौतम को कार्यक्रम छोड़कर जाना पड़ा….. वहीं इस घटना ने बीजेपी की योजना की विश्वसनीयता पर और सवाल खड़े कर दिए…… संजय राउत अकेले नहीं हैं जिन्होंने इस योजना पर निशाना साधा…… तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि बीजेपी के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है……. यह मगरमच्छ के आंसुओं जैसा है…… दिखावा करते हैं…… लेकिन नजदीक जाओ तो निगल जाएंगे…… समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि मुसलमानों को सौगात नहीं, इंसाफ चाहिए…… बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी इसे “राजनीतिक स्वार्थ” करार दिया…… विपक्ष का एकजुट हमला इस बात का संकेत है कि यह मुद्दा जल्द ही खत्म होने वाला नहीं है……

आपको बता दें कि विपक्ष का तर्क है कि अगर बीजेपी वास्तव में गरीबों की भलाई चाहती है……. तो यह योजना साल भर क्यों नहीं चलती……. सिर्फ ईद या रमजान के मौके पर ही क्यों…… क्या यह महज एक चुनावी चाल नहीं है……. ये सवाल बीजेपी के लिए असहज करने वाले हैं……. खासकर तब जब पार्टी लंबे समय से मुस्लिम तुष्टिकरण के खिलाफ बयानबाजी करती रही है…..  ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना को लेकर जनता के बीच भी मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है……. एक ओर कुछ लोग इसे गरीबों के लिए अच्छी पहल मान रहे हैं….. दिल्ली की एक मुस्लिम महिला ने कहा कि ऐसे पीएम को देश में कई साल तक रहना चाहिए…… लेकिन दूसरी ओर, कई लोग इसे दिखावा मानते हैं……. सोशल मीडिया पर बीजेपी की आलोचना तेज हो गई है…… एक यूजर ने लिखा कि 500 रुपये की किट से वोट खरीदने की कोशिश? यह शर्मनाक है…… एक अन्य ने तंज कसा कि मोदी जी, मुसलमानों को बहलाने के लिए औरंगजेब की कब्र से बेहतर कुछ ढूंढिए……

दिल्ली और नवी मुंबई में कार्यक्रमों के दौरान हुई अव्यवस्था ने बीजेपी की छवि को…… और नुकसान पहुंचाया……. भीड़ का मंच पर टूट पड़ना और नेताओं का कार्यक्रम छोड़कर भागना….. ये दृश्य बीजेपी के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गए……. यह सवाल उठ रहा है कि अगर योजना इतनी अच्छी है, तो इसे लागू करने में इतनी लापरवाही क्यों…… ‘सौगात-ए-मोदी’ पर मचे बवाल का असर बीजेपी की राजनीतिक रणनीति पर पड़ना तय है……. एक तरफ पार्टी अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है…… वहीं दूसरी तरफ इसके कोर वोटर जो इसे मुस्लिम तुष्टिकरण के तौर पर देख सकते हैं…… नाराज हो सकते हैं…… संजय राउत का यह बयान बीजेपी को दोहरी मार में डाल रहा है…… अगर पार्टी इस योजना को आगे बढ़ाती है, तो विपक्ष इसे “वोट के लिए दिखावा” कहकर हमला करेगा……. अगर इसे रोकती है, तो अल्पसंख्यकों के बीच अपनी साख खो सकती है…..

आपको बता दें कि महाराष्ट्र में ‘सौगात-ए-मोदी’ मुद्दा और भी गंभीर है……. यहां बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) की गठबंधन सरकार है……. लेकिन संजय राउत के बयानों ने इस गठबंधन में दरार की आशंका पैदा कर दी है…… राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया…… जिसका जवाब अभी तक सरकार की ओर से नहीं आया है…… यह बीजेपी के लिए एक और चुनौती है…….. बता दें कि ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना, जो शुरू में बीजेपी के लिए एक मास्टरस्ट्रोक लग रही थी……. अब उसके लिए गले की हड्डी बन गई है…… संजय राउत के तीखे तंज और विपक्ष के हमलों ने इसे एक राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है…… पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है…… कोई इसे गरीबों के लिए सौगात मान रहा है……. तो कोई इसे वोट की सियासत……. लेकिन एक बात साफ है…… कि बीजेपी इस बार भी बहुत शर्मसार हुई है…….. ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना के पीछे की मंशा चाहे जो हो……. इसे लागू करने में हुई अव्यवस्था और विपक्ष की आलोचना ने पार्टी को हिलाकर रख दिया है……

 

 

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