साहस की एक अलग मिसाल कायम !

साहस की एक अलग मिसाल कायम !

यह कहानी साक्षी खोखर नाम की एक लड़की की है, जो अमृतसर की उस बुद्धिमत्ता और जज्बे की मिसाल है, जो शारीरिक रूप से विकलांग है, लेकिन मानसिक रूप से विकलांग नहीं है, ऐसा साक्षी खोखर की बेटी का कहना है। जिन्होंने आज अपने जीवन की कहानी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्हें बचपन में पोलियो की दवा के रिएक्शन के कारण पोलियो हो गया था, लेकिन उनके परिवार वालों ने उन्हें कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह पोलियो से पीड़ित हैं, उन्होंने अपने परिवार में रहकर पढ़ाई की समाज में उन्हें कभी यह एहसास नहीं होने दिया गया कि वह विकलांग हैं, जिसके कारण उन्हें कभी भी शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने बुटीक, फैशन ड्रेसिंग और एक मनोचिकित्सक के रूप में समाज में अच्छा नाम कमाया है। यह अपनी अलग पहचान बना चुकी है और भविष्य में और भी मुकाम हासिल करने की क्षमता रखती है। इस मौके पर साक्षी खोखर ने कहा कि मेरे जैसे जो लोग पोलियो से प्रभावित हैं या किसी कारणवश विकलांग हैं उन्हें समाज द्वारा प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि आपका आत्मविश्वास बढ़े और आप आत्मनिर्भर बन सकें.

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