लोकतंत्र को बहाल करने की आड़ में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया: सिब्बल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही पर पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि हम यहां इस आधार पर खड़े हैं कि जम्मू-कश्मीर का भारत में एकीकरण निर्विवाद है, निर्विवाद था और सदैव निर्विवाद रहेगा. इसके बावजूद असंवैधानिक प्रक्रिया से पूरा ढांचा बदल दिया गया।
क्या जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा को इस तरह से चुप कराया जा सकता है? पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर में कोई प्रतिनिधि लोकतंत्र नहीं है, लोकतंत्र को बहाल करने की आड़ में हमने लोकतंत्र को नष्टï कर दिया । कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य ऐतिहासिक रूप से संघ में एकीकृत रियासतों के विपरीत एक अद्वितीय संबंध का प्रतिनिधित्व करता है। क्या दो संप्रभुओं के बीच उस अनूठे रिश्ते को इस तरह से ख़त्म किया जा सकता है? सत्ता में मौजूद पार्टियों में से एक के हटने के बाद राज्यपाल ने जून 2018 से जम्मू-कश्मीर विधानसभा को निलंबित रखा। यह देखने का मौका ही नहीं दिया कि नई सरकार बन सकती है या नहीं। सीओआई अपने आप में एक पोल दस्तावेज़ है, जो समाज में रहने वाले लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखता है। संविधान सभा का अभ्यास राजनीतिक अभ्यास है, भारत के संविधान का मसौदा तैयार करना एक राजनीतिक अभ्यास है और एक बार मसौदा तैयार हो जाने के बाद,सभी संस्थान संविधान द्वारा शासित होते हैं,परिस्थितियों में संसद शक्तियों के प्रयोग में सीमित हैं। संसद खुद तो संविधान सभा में परिवर्तित नहीं कर सकता, आज संसद प्रस्ताव द्वारा यह नहीं कह सकती कि हम संविधान सभा हैं, वे ऐसा कोई कानून पारित नहीं कर सकते जो सूची से बाहर हो. कानून के किस प्रावधान के तहत विधायिका को खत्म किया गया।

अनुच्छेद 370 मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर मे अनुच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता मे पांच सदस्यीय संविधान पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत सुनवाई कर रहे हैं।

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