तो मंत्री टेनी का बेटा जेल में ही रहेगा!
लखीमपुर कांड में नई धाराओं के आधार पर होगी सुनवाई
लखनऊ। लखीमपुर कांड में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की याचिका उसके वकील ने तकनीकी खामियों के चलते वापस ले ली है। वहीं अंकित दास, लतीफ, सत्यम और नंदन चारों आरोपियों की जमानत याचिका जिलाध्यक्ष के न्यायालय से खारिज कर दी गई। आशीष मिश्रा सहित 5 लोगों ने कोर्ट में जमानत अर्जी डाली थी। 14 दिसंबर को एसआईटी ने इस कांड को साजिश करार दिया था। आरोपियों पर लगाई गईं धाराएं बदल दी गई थीं। नई धाराओं के बाद लोअर कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई। आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों पर अब गैर इरादतन हत्या की जगह हत्या का केस चलेगा।
बता दें कि 3 अक्टूबर को हुई तिकुनिया हिंसा कांड में आशीष मिश्रा मोनू और उनके सहयोगी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि धाराएं बदलने के बाद हाई कोर्ट में सुनवाई टल सकती है या फिर नई धाराओं के आधार पर सुनवाई की जाएगी। ऐसे में आशीष मिश्रा को दो-तीन महीने जेल में ही रहना पड़ सकता है। लखीमपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। अक्टूबर से लेकर अब तक वहां तीन बार सुनवाई भी हो चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को धीमी जांच के लिए फटकारा था। अब कोर्ट में एसआईटी को जांच प्रगति की रिपोर्ट दाखिल करनी है।
टेनी ने पत्रकारों से की थी बदतमीजी
लखीमपुर हिंसा में बेटे आशीष के खिलाफ हत्या की धाराओं में केस दर्ज होने के बाद उनके पिता केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने अपना आपा खो दिया था। अजय मिश्रा जब लखीमपुर में मदर चाइल्ड केयर सेंटर में ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने गए थे। इसी दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे सवाल किया, तो अजय मिश्रा ने उसे धक्का दे दिया और अपशब्द भी कहे। अजय मिश्रा की इस हरकत के बाद उन्हें भाजपा हाईकमान ने दिल्ली बुलाया था।
कुलदीप सिंह सेंगर सड़क दुर्घटना मामले में बरी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के चर्चित उन्नाव कांड मामले में दुष्कर्म पीड़िता और उसके स्वजन के साथ वर्ष 2019 में हुई सड़क दुर्घटना में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर समेत छह लोगों को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बरी कर दिया। जबकि कोर्ट ने ट्रक चालक समेत चार आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किया है। 28 जुलाई 2019 को रायबरेली में जेल में बंद चाचा से मिलने जा रही दुष्कर्म पीड़िता की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इस कार में सवार पीड़िता की चाची, मौसी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद पीड़िता के चाचा ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
घटना की जांच कर रही सीबीआई ने इसे महज एक हादसा बताया था। उसकी जांच में सामने आया था कि हादसे को अंजाम देने के लिए कोई साजिश नहीं रची गई थी। इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी रविंद्र कुमार पांडेय के कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह को बरी करते हुए कहा कि इनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। लेकिन कोर्ट ने आरोपित ट्रक चालक आशीष पाल के खिलाफ सुरक्षा को खतरा पहुंचाने का आरोप तय किया है। वहीं आरोपित विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ धमकी देने का आरोप तय किया है। बता दें 2017 में नाबालिग से दुष्कर्म के एक अलग मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। वह जेल में सजा काट रहे हैं।