तो उद्धव ठाकरे नहीं संभाल पाए अपना घर!
4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्धों ने किया मंथन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। महाराष्ट्र का सियासी पारा गर्र्म है। ईडी ने महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब और अन्य के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत नया मामला दर्ज करने के बाद मई में उनके और उनसे कथित रूप से जुड़े लोगों के परिसरों पर छापा मारा था। हालांकि, शिवसेना नेता ने किसी भी तरह की गड़बड़ी करने से इनकार किया है। ऐसे में सवाल उठता हैं कि महाराष्ट्र में तख्ता पलट की योजना का सूत्राधार क्या ईडी है? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार समीरात्मज मिश्रा, रंजीव, परंजॉय गुहा ठाकुरता, रजत शुक्ला, चिंतक सीपी राय और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
रजत शुक्ला ने कहा, गठबंधन किससे किया, चुनाव किससे लड़ा और जब सरकार बनाने का समय आया तो किसी और के साथ सरकार बना ली। ऐसे में पब्लिक में गुस्सा था। ढाई साल से नेता भी गुस्से में थे। ये गुब्बार अब फूटा है।
रंजीव ने कहा, घटनाक्रम लगातार बढ़ता जा रहा है। मुंबई वाया सूरत, फिर गुवाहाटी और अब शिंदे के दावे, और विधायकों की संख्या बढ़ रही है शिंदे के समर्थन में। सरकार रहेगी या नहीं, जल्द पर्दा उठेगा। क्या बड़ी वजह है जो विधायकों ने बगावत की। लोकतंत्र के लिए ऐसी राजनीति ठीक नहीं है। सीपी राय ने शेर अर्ज कर शुरूआत की, दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की, लोगों ने मेरे शहद में रस्ते बना लिए, यही स्थिति है महाराष्ट्र की। हालांकि उद्घव ने भावुक भाषण दिया। मुख्यमंत्री आवास भी छोड़ दिया। उद्घव ने अपने लड़के को मंत्री पद दिया। बाला साहब ठाकरे के लोगों को तवज्जो न देना, संवाद न करना, यह गलती है। उद्घव अपना घर संभाल नहीं पाए तो आत्ममंथन करें। समीरात्मज मिश्र ने कहा ईडी का क्या रोल है, ये अभी मैं नहीं कह सकता पर महाराष्ट्र में बीजेपी पूरे फॉर्म में है। बीजेपी को इस बात की कसक है कि शिवसेना वहां सरकार में है और उसकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी कांग्रेस सरकार में है। गुहा ने कहा, शिवसेना जिसे बालासाहेब ठाकरे ने स्थापित किया और उनका बेटा कैसा, एक ही विचारधारा के, तो बहुत सारे सवाल है। आज आपकी पार्टी तोड़ दी गयी, सरकार की क्या हालत होगी, ये सब जानते हैं। मुख्यमंत्री का घर उद्घव ने छोड़ दिया इससे साफ है वे मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे। फिलहाल सरकार अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी।