संचारी रोग पर वार के लिए सरकार का माइक्रो प्लान तैयार

  • प्रदेश में एक जुलाई से शुरू होगा संचारी रोग अभियान

लखनऊ। योगी सरकार ने संचारी रोगों पर वार करने के लिए अपनी कमर कस ली है, जिसके लिए प्रदेश भर में एक बार फिर से विशेष संचारी रोग अभियान की शुरूआत एक जुलाई से की जाएगी। इस अभियान के लिए विभागों की ओर से माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संचारी रोग अभियान से जुड़ी एक उच्चस्तरीय बैठक में इस अभियान के सफल संचालन से जुड़े निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य जैसे वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित स्वच्छता और फॉगिंग अभियान को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्रों व दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीमों के द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर चिन्हित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाए। प्रदेश में सघन वेक्टर सर्विलांस के साथ ही रोगियों व लक्षणयुक्त व्यक्तियों की त्वरित जांच और आइसोलेशन की व्यवस्था करें। सभी जिलों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन कर उनको प्रशिक्षण दें। कम्युनिटी हेल्थ सर्विसेज को त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। क्षय रोग लक्षण युक्त व्यक्तियों के इलाज की व्यवस्था करें। ग्रामीण क्षेत्रों ने आबादी के बीच वाले तालाबों को अपशिष्ट व प्रदूषण मुक्त रखने के नियोजित प्रयास करने के निर्देश दिए। यूपी में शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में मंत्री नोडल अधिकारी लोगों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

स्वच्छता और फॉगिंग पर दें विशेष जोर
सीएम ने कहा कि इस अभियान को प्रभावी बनाना सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पाथ जैसी संस्थाओं का सहयोग लिया जाना चाहिए। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण और कोविड प्रबंधन के दो सफल मॉडल प्रदेशवासियों के सामने हैं, जो संचारी रोग अभियान में भी हमारे लिए महत्वपूर्ण होंगे। सीएम ने स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने इससे जुड़ी वाद-विवाद, निबंध, पर्यावरणीय स्वच्छता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए मलिन बस्तियों में साफ-सफाई, नियमित फॉगिंग, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और क्लोरीन की गोलियां वितरित करने के आदेश दिए।

16 जुलाई से शुरू होगा घर-घर दस्तक अभियान
प्रदेश में 16 जुलाई से घर-घर दस्तक अभियान शुरू होगा और इसमें मेडिकल टीमें घर-घर जाकर संक्रामक रोगों से ग्रस्त मरीजों की पहचान करेंगी। इस टीम में आशा वर्कर के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी शामिल रहेंगे। टीम की मदद से रोगियों को चिन्हित कर उन्हें दवा दी जाएगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। अगर सर्वे के दौरान ऐसे मरीज मिलते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा अभियान में कुपोषित बच्चों की जानकारी जुटाने का निर्देश भी दिया गया है। दस्तक अभियान के तहत टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोजकर उनकी जांच कराई जाएगी।

उत्तराखंड में चुनाव बाद गायब हुईं 41 सियासी पार्टियां

देहरादून। उत्तराखंड में 41 ऐसे राजनीतिक दल हैं, जिन पर चुनाव आयोग जल्द ही शिकंजा कस सकता है। इनमें से कई पार्टियों के ऑफिस तक का ही अता-पता नहीं है। अंतिम तौर पर चुनाव आयोग ने अब इन दलों के नाम अखबारों में सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। चुनाव कोई भी हो, कई ऐसी सियासी पार्टियां अचानक आपको नजर आने लगती हैं, जिनको पहले न कभी देखा गया, न सुना गया हो। उत्तराखंड में ऐसी ही 41 राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनकी चुनाव आयोग को तलाश है। आयोग इनसे 2017-18 से लेकर 2021-22 तक पार्टी को मिले फंड, आय-व्यय की ऑडिट रिपोर्ट, चुनावों में किए गए खर्चे की डिटेल मांग रहा है, लेकिन इन पार्टियों का अता-पता नहीं है। आयोग ने स्पीड पोस्ट के जरिये भी नोटिस सर्व किए, लेकिन इनमें से भी अधिकांश स्पीड पोस्ट वापस आ गए। आयोग ने इसके बाद भौतिक सत्यापन कराया तो अधिकांश के एड्रेस फर्जी निकले। ऐसे में आयोग ने अब सार्वजनिक सूचना जारी कर 25 जून तक हर हाल में मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सौजन्य का कहना है कि ये अंतिम नोटिस है। इसके बाद केंद्रीय चुनाव आयोग को पूरा विवरण भेज दिया जाएगा। आगे की कार्यवाही केंद्रीय चुनाव आयोग करेगा। उत्तराखंड में गायब हुई कुछ पार्टियों के नाम तो शायद ही आपने कभी सुने हों। जैसे भारत कौमी दल, भारतीय शक्ति सेना, मैदानी क्रांति दल, प्रगतिशील लोक मंच नैनीताल, प्रजातांत्रिक पार्टी ऑफ इंडिया, राष्ट्रीय ग्राम विकास पार्टी, जनता कैबिनेट पार्टी बार-बार नोटिस के बावजूद भी मांगा गया लेखा-जोखा उपलब्ध न कराने पर अब इन दलों का रजिस्ट्रेशन भी समाप्त किया जा सकता है।

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