जनगणना में देरी पर राज्यसभा में सोनिया गांधी ने सरकार को जमकर घेरा
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4PM न्यूज़ नेटवर्क: संसद का बजट सत्र चल रहा है। संसद के दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में विपक्ष लगातार अमेरिका द्वारा डिपोर्ट किए गए अवैध भारतीय प्रवासियों का मुद्दा उठा रहा है। वहीं इस बीच कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार (10 फरवरी) को केंद्र सरकार से जल्द से जल्द जनगणना कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है ताकि सभी पात्र नागरिकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गारंटीकृत लाभ मिल सके। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि नागरिकों का मौलिक अधिकार है।
सोनिया गांधी ने उठाया जनगणना का मुद्दा
कांग्रेस नेता ने राज्यसभा में जनगणना और फूड सिक्योरिटी एक्ट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये कानून 2013 में यूपीए सरकार के समय आया था, जिसने कोविड काल में लोगों को अनाज उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सरकार से मांग की सरकार जितनी जल्दी हो सके जनगणना कराए ताकि जरूरतमंद लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा पेश किया गया राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एक ऐतिहासिक पहल थी, जिसका उद्देश्य 140 करोड़ आबादी के लिए खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना था। उन्होंने कहा कि इस कानून ने लाखों कमजोर परिवारों को भुखमरी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर कोविड 19 महामारी के संकट के दौरान तथा साथ ही इस अधिनियम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को आधार प्रदान किया।
सोनिया गांधी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीणों के साथ ही 50 प्रतिशत शहरी आबादी सब्सिडी वाले खाद्यान्न प्राप्त करने की हकदार है। उन्होंने कहा कि हालांकि लाभार्थियों के लिए कोटा अब भी 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित किया जाता है, जो अब एक दशक से अधिक पुरानी है।
- उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार जनगणना में 4 साल से अधिक की देरी हुई है।
- मूल रूप से यह 2021 के लिए निर्धारित थी लेकिन अब भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि जनगणना कब आयोजित की जाएगी?
- सोनिया गांधी ने कहा कि बजट आवंटन से पता चला है कि जनगणना इस वर्ष भी आयोजित किए जाने की संभावना नहीं है।
दिल्ली में धनबल जीत गया: चंद्रशेखर आजाद
दिल्ली में भाजपा की जीत पर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि धनबल जीत गया और जनबल हार गया, वोटों वाले हार गए, नोटों वाले जीत गए। जिस तरह से धन का इस्तेमाल किया गया, वह लोकतंत्र को इतने निचले स्तर पर ले जाएगा जिसके बाद दुनिया शायद हमारे लोकतंत्र का मजाक उड़ाएगी, यह लोकतंत्र की हत्या है और मैं इसका समर्थन नहीं करता।