संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही सपा: अखिलेश

  • बाढ़-सूखा से प्रभावित फसल का अभी तक नहीं मिला मुआवजा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी लोकतंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही है। सपा मुखिया नेकहा कि भाजपा चुनाव में हेराफेरी कर सत्ता पर कब्जा बनाए रखना चाहती है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने षड्यंत्र कर सपा समर्थकों के वोट कटवाए। ऐसा भविष्य में दुबारा न होने देने के लिए हर सपा कार्यकर्ता को सजग रहना होगा। हर कार्यकर्ता इसको लेकर अलर्ट रहे। अखिलेश यादव प्रदेश मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा किसान विरोधी है। तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में आठ सौ किसानों की जान चली गई। किसानों को गेहूं का लागत मूल्य भी नहीं मिला।
सपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा की शह पर दो कंपनियों ने रिफाइंड ऑयल के 60 प्रतिशत बाजार पर कब्जा कर लिया है। गिनी-चुनी कंपनियां किसानों से धान-गेहूं की खरीद रही हैं। बाढ़-सूखा से प्रभावित फसल का अभी तक मुआवजा भी नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगा। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने वीरेंद्र सारंग की जननायक कृष्ण पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि गीता का उपदेश आज भी सार्थक और सामयिक है। इस अवसर पर अवधेश प्रसाद, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम पटेल, जयशंकर पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अंबिका चौधरी, महबूब अली आदि उपस्थित रहे।

कमजोर सीटों को कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है सपा

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आते जा रहे हैं सीटों को लेकर पार्टियां अपनी रणनीति बनाने लगी हैं। सबसे ज्यादा हलचल इंडिया गठबंधन के खेमे में है। सभी की दिलचस्पी इस बात में है कि सपा, कांग्रेस और रालोद के लिए कौन-कौन सी सीटें छोड़ती है। सूत्रों के अनुसार समाजवादी पार्टी उन लोकसभा सीटों को इंडिया गठबंधन के घटक दलों को पहले छोड़ सकती है, जहां उसे कभी विजय नहीं मिली। इस तरह की उत्तर प्रदेश में करीब 19 सीटें हैं। इन पर सपा इसलिए भी दावा नहीं करेगी, क्योंकि इनमें से कई सीटों पर घटक दलों का बेहतर प्रदर्शन रहा है।

कांग्रेस ने सारे विकल्प खुले रखे

कांग्रेस और सपा के बीच पिछले कुछ समय से सीटों को लेकर गर्मजोशी वाले बयान नहीं आ रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कह चुके हैं कि इंडिया गठबंधन को सीटें देंगे ना कि उसने मांगेंगे। इसका साफ मतलब यह है कि यूपी सपा अपने अनुसार ही टिकट बांटने की बात कर रही है। दूसरी ओर कांग्रेस बसपा के साथ भी बातचीत कर रही है। सूत्रों के अनुसार मायावती और प्रियंका गांधी की इस मसले पर एक-दो बार मुलाकात हो चुकी है। इसके साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय यह बात कई बार दोहरा चुके हैं कि कांग्रेस सभी सीटों को लडऩे के हिसाब से तैयारी कर रही है। इंडिया गठबंधन में वैसे तो रालोद भी है लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस का दावा ज्यादा मजबूत है। पश्चिम यूपी की कुछ सीटों को छोडक़र बाकी पूरे यूपी में सपा और कांग्रेस ही आपस में सीटें बांट सकती हैं।

शिवपाल यादव के करीबी थामेंगे कांग्रेस का हाथ

लखनऊ। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव जीतने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संस्थापक शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी का सपा में विलय कर दिया। उम्मीद थी कि प्रसपा के सभी नेताओं को सपा में समायोजित कर लिया जाएगा। सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के करीबी दिनेश सिंह सहित तमाम सपा नेता तीन अक्टूबर को कांग्रेस का हाथ थामने जा रहे हैं। तीन को कांग्रेस कार्यालय में होने वाले समारोह में पूरब से पश्चिम तक के तमाम नेता कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। इन नेताओं का आरोप है कि उन्हें सपा में तवज्जो नहीं मिल रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव को राष्ट्रीय महासचिव पद से नवाजा, लेकिन अन्य लोगों को किनारे कर दिया। यही वजह है कि पार्टी के प्रदेश प्रमुख महासचिव अजय त्रिपाठी मुन्ना ने तमाम लोगों को साथ लेकर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद भी शिवपाल सिंह के खास चेहरे इंतजार करते रहे। तमाम प्रयास के बाद भी अभी तक प्रसपा के लोगों का सपा में समायोजन नहीं हो सका है।

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