Sambhal Violence : संभल हिंसा में सपा सांसद बर्क से आज, SIT करेगी पूछताछ..

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के संबंध में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस का आरोप है कि सांसद ने इस घटना के दौरान भीड़ को भड़काया, जिससे हिंसा भड़की।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के संबंध में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस का आरोप है कि सांसद ने इस घटना के दौरान भीड़ को भड़काया, जिससे हिंसा भड़की। हालांकि, सांसद बर्क का कहना है कि वे उस दिन शहर में नहीं थे और उन्हें फंसाया जा रहा है। ​ इसी सिलसिले में, आज पुलिस सांसद जियाउर्रहमान बर्क से पूछताछ करेगी, जिसमें उन्हें 24 नवंबर को अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी देनी होगी।
यह आमना-सामना पुलिस की जांच प्रक्रिया का हिस्सा है, ताकि इस हिंसा के संबंध में तथ्यों का पता चल सके। एसआईटी अधिकारियों ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इस मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए 8 अप्रैल तक पेश होने का समय दिया है। यह मामला संभल की शांति और कानून व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, और एसआईटी की जांच में पुख्ता सबूत जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें,कि संभल में 24 नवंबर को हुए हिंसा मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी)
की टीम सांसद जियाउर्रहमान बर्क के दिल्ली स्थित आवास पर गई। वहां, उन्हें 35ए का नोटिस थमाया गया जिसमें उन्हें 8 अप्रैल तक अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। संभल पुलिस के अनुसार, इस नोटिस का उद्देश्य सांसद से जांच में सहयोग प्राप्त करना है। सांसद बर्क ने नोटिस मिलने के बाद कहा- कि उन्हें संभल पुलिस की ओर से सूचित किया गया है और उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार जांच में सहयोग करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने भारत के जिम्मेदार नागरिक के रूप में एसआईटी को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने जानकारी दी कि शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए उपद्रव के बाद केस नंबर 335/24 के तहत FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क और समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को नामजद आरोपी बनाया गया है, जबकि अन्य कई आरोपी अज्ञात हैं। यह जांच सभा और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, और एसआईटी मामले की गहराई से जांच कर रही है।

आपको बता दें,कि संभल में हुए जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट को गिरफ्तार किया गया है। उन पर अशांति फैलाने की साजिश रचने और गंभीर अपराधों में झूठे बयान देने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, जबकि विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर अशांति फैलाने का आरोप लगाया गया है। उच्च न्यायालय ने सांसद जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, और कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई जारी है। जांच में सहयोग के लिए बीएनएसएस 35 नोटिस का इस्तेमाल किया जा रहा है, यह मामला कानून व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित कर सकता है, और एसआईटी की जांच गंभीरता से की जा रही है।

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