राकेश सचान मामले को विधानसभा में मुद्ïदा बनाएगी सपा

पार्टी भाजपा को घेरने की तैयारी में जुटी, भाजपा के आपराधिक प्रगति वाले नेताओं का रिकॉर्ड खंगाल रहे समाजवादी
कानपुर। योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान मामले को समाजवादी पार्टी (सपा) मुद्ïदा बनाने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए सत्तादल भारतीय जनता पार्टी को घेरने की सपा ने रणनीति लगभग तैयार कर ली है। इसी के साथ पार्टी भाजपा के दागी मंत्रियों और विधायकों का पूरा रिकॉर्ड खंगाल रही हैं। इससे इतना तो साफ है कि विधानसभा का आगामी सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। भाजपाइयों के आपराधिक इतिहास को आम जनता के सामने लाने के सपा एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म) का सहारा ले रही है। देश भर की पार्टी के नेताओं का इस साइट पर साइट पर पूरा विवरण रहता है। सपा इसी साइट से पूरा विवरण जुटाने में लग गई है। विधान सभा सत्र शुरू होने से पहले सपा विधानमंडल की महत्वपूर्ण बैठक होनी है। इसी बैठक में भाजपा को आपराधिक छवि वाली पार्टी बताने की तैयारी की जायेगी। सपाइयों का दावा है कि एडीआर वर्तमान में सबसे ज्यादा आपराधिक छवि वाले जनप्रतिनिधि भाजपा में है। इन्हीं आंकड़ों के आधार पर सपा भाजपा को विधानसभा से लेकर जनता के दरबार तक जायेगी। यह लड़ाई न केवल सदन में लड़ी जायेगी, बल्कि सड़क पर भी भाजपा मंत्रियों और विधायकों से जुड़े मामले सड़कों तक ले जायेगी। फिलहाल अभी मॉनसून सत्र की तारीख फाइनल नहीं हुई है। ऐसा में माना जा रहा है कि सितंबर माह में सत्र बुलाया जा सकता है। उससे पूर्व सपा विधायक दल की बैठक में मंत्री राकेश सचान और अन्यों के मुकदमों पर पार्टी विधायकों के रुख को फाइनल किया जाएगा।

जनता के कामों को प्राथमिकता से निपटाएं : सीएम योगी

लखनऊ। सीएम योगी ने आज गाजियाबाद में विकास परियोजनाओं का निरीक्षण किया। सबसे पहले वे रेट मंडी नंदग्राम में गार्बेज प्लांट का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। यहां कूड़े को ट्रीट करने के लिए कई मशीनें लगी हुई हैं। इसके बाद प्रताप विहार में निर्माणाधीन 720 प्रधानमंत्री आवास देखे। इन फ्लैट्स को पाने के लिए करीब ढाई हजार लोग आवेदन कर चुके हैं। सीएम योगी ने कहा कि निर्माण कार्य समय पर पूरा हो। उसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने आवासों के बारे में डीएम आरके सिंह से जानकारी ली। सीएम के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह मौजूद रहे। यहां से सीएम सीधे हिंडन नदी के पुल पर पहुंचे। अंग्रेजों के जमाने का पुल टूटने के बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 22 करोड़ रुपए से हिंडन नदी पर नया पुल बनवाया है। यह पुल करीब 176 मीटर लंबा है। ज्यादातर काम पूरा हो चुका है। सिर्फ सड़क बन रही है। चौथी परियोजना के रूप में मुख्यमंत्री ने 41वीं वाहिनी पीएसी परिसर में 200 जवानों के लिए बन रही बैरक बिल्डिंग देखी। इस बिल्डिंग का निर्माण जल्द पूरा होने वाला है। इसके बाद पुलिसकर्मियों के लिए आवासों की दिक्कत दूर हो सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद के गंगाजल प्लांट में जिले के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से जनता के बीच लगातार जाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने उन्हें निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों के कार्यों को प्राथमिकता से निपटाएं। इसमें कोई भी अधिकारी हीलाहवाली न करे। बैठक में डीएम-एसएसपी समेत कई जिला स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहे।

कैसे हुई थी जयललिता की मौत, रिपोर्ट सौंपी

चेन्नई। जयललिता की मौत की जांच के लिए नियुक्त रिटायर्ड जस्टिस अरुमुघस्वामी आयोग ने अपनी रिपोर्ट सीएम एमके स्टालिन को सौंप दी है। इस मामले में आयोग ने 590 पेज की रिपोर्ट तैयार की है। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एआईडीएमके की अध्यक्ष रही जयललिता की मौत के असली कारणों का पता लगाने के लिए जांच की मांग उठती रही है। तमिलनाडु की पिछली ईके पलानिसामी सरकार ने जस्टिस अरुमुस्वामी की अध्यक्षता में जयललिता के रहस्यमय इलाज और मौत से जुड़े मामले की जांच के लिए आयोग बनाया था। इस आयोग के सामने पन्नीरसेल्वम पेश हुए थे। उन्होंने कहा कि, ‘मुझे नहीं पता कि जयललिता अस्पताल में भर्ती क्यों हुईं थीं. उन्हें इलाज क्या दिया गया। अपोलो अस्पताल के किन-किन डॉक्टरों की टीम उन्हें देख रही थी, यह भी नहीं मालूम। मुझे तो राज्य के स्वास्थ्य सचिव से यह पता चला था कि जयललिता को अस्पताल ले जाया गया है। पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व में जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के कई नेताओं ने आरोप लगाया था कि जयललिता के साथ साए की तरह रहने वाली उनकी सहयोगी शशिकला और उनके परिवार के सदस्यों ने इस मामले में काफी-कुछ छिपाया है। जयललिता का निधन 5 दिसंबर 2016 को रात्रि 11.30 बजे चेन्नई के अपोलो अस्पताल में हो गया था। करीब 75 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद जयललिता का निधन हुआ था।

नवजोत सिंह सिद्धू लुधियाना कोर्ट में तलब

लुधियाना। चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ चल रहे केस की सुनवाई के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू को तलब किया है। वहीं नवजोत सिंह सिद्धू ने आने से मना कर दिया है। इसके लिए सिद्धू की तरफ से अदालत में अर्जी लगाकर गवाह के तौर पर उन्हें न शामिल करने का आवेदन किया गया है। यह मामला सीएलयू गबन मामले के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री द्वारा डीएसपी को धमकाने का है। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को गवाह के तौर पर बुलाया गया है। उनकी तरफ से तीसरी बार अदालत में अर्जी देकर कहा गया है कि इस केस में उन्हें गवाह के तौर पर नहीं बुलाया जा सकता है। नवजोत सिंह सिद्धू के वकील की तरफ से इसके खिलाफ अदालत में अर्जी लगाई गई थी। बर्खास्त डीएसपी बलविंदर सिंह सेखों ने ग्रैंड मैनर होम्स सीएलयू मामले की जांच से संबंधित उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए जनवरी 2020 में पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

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