उपचुनाव को लेकर सपा का बड़ा ऐलान, अयोध्या के मिल्कीपुर से उम्मीदवार का नाम फाइनल

उत्तर-प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। तमाम राजनीतिक दल अपना दमखम दिखाने में लगे हुए हैं। साथ ही राजनीतिक दलों ने...

4PM न्यूज नेटवर्क: उत्तर-प्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। तमाम राजनीतिक दल अपना दमखम दिखाने में लगे हुए हैं। साथ ही राजनीतिक दलों ने उपचुनाव की सियासी पारी को जीतने के लिए अपनी कमर कस ली है यूपी में अब लोकसभा चुनाव के बाद उपचुनाव की जंग होने जा रही है। वहीं इस बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर से अपना उम्मीदवार तय कर लिया है। पार्टी ने अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर टिकट देना फाइनल कर लिया है। अयोध्या से सांसद का चुनाव जीतने से पहले अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से सपा के विधायक थे।

मिली जानकारी के अनुसार सभी दावेदारों को एक मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया और सभी लोगों को एक साथ रहकर चुनाव लड़ने की हिदायत दी गई। बताया जा रहा है कि आनंद सेन यादव भी खुलकर प्रचार में शामिल होंगे।

अयोध्या के मिल्कीपुर से उम्मीदवार का नाम फाइनल

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। भाजपा, सपा और कांग्रेस तीनों ही चुनाव में ताल ठोक रही हैं। इस बीच मायावती की पार्टी बसपा की भी एंट्री हो चुकी है। ऐसे में सबकी नजर मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर थी। मिल्कीपुर विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी ने पहले ही प्रभारी और प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है इस सीट से बसपा ने रामकोपाल कोरी को अपना विधानसभा उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया है।

वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद  विधानसभा की 10 सीट पर होने वाले उपचुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से चुनौती मिल सकती है। दरअसल यूपी में 9 विधायकों के सांसद चुने जाने और कानपुर नगर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के विधायक को आगजनी मामले में सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद रिक्त हुई 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। हालांकि अभी तक उपचुनाव की तारीख नहीं  घोषित की गई है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • भाजपा ने उपचुनाव में सभी 10 सीट जीतने का संकल्प लिया है।
  • ऐसे में पार्टी के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होगा।
  • क्योंकि सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।

 

Related Articles

Back to top button