वोटों के लिए मोदी तमिलों को कर रहे बदनाम: स्टालिन

रत्न भंडार की चाबी मुद्दे पर पीएम पर बरसे सीएम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने ओडिशा में भगवान जगन्नाथ मंदिर के कोषागार की गायब चाबियों को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और आरोप लगाया कि यह वोटों की खातिर तमिलों को बदनाम करने का प्रयास है। प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा में एक रैली में कहा था कि भगवान जगन्नाथ मंदिर के कोषागार की चाबियां तमिलनाडु चली गई हैं।
स्टालिन ने यहां एक बयान में कहा कि मोदी को तमिलों की छवि खराब करने वाली इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की चाबियां पिछले छह साल से गायब होने पर चिंता जताते हुए सोमवार को ओडिशा में नवीन पटनायक नीत बीजू जनता दल (बीजद) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर भी इस सरकार के हाथों में सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा था कि ओडिशा जानना चाहता है कि बीजद ने रत्न भंडार चाबियों पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को क्यों दबाया। स्टालिन ने आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया कि मोदी अपने नफरत भरे भाषणों से लोगों के बीच दुश्मनी और राज्यों के बीच गुस्से की भावना पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने रत्न भंडार की चाबियों के गायब होने पर प्रधानमंत्री की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा, यह करोड़ों लोगों द्वारा पूजे जाने वाले भगवान जगन्नाथ का अपमान करने के साथ-साथ तमिलनाडु के लोगों का भी अपमान है, जो ओडिशा राज्य के साथ अच्छे संबंध और मित्रता रखते हैं।स्टालिन ने पूछा, क्या प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के लोगों को मंदिर का खजाना चुराने वाले चोरों के तौर पर अपमानित कर सकते हैं…क्या यह तमिलनाडु का अपमान नहीं है? तमिलों के प्रति इतनी नापसंदगी और नफरत क्यों है? उन्होंने कहा कि जनता तमिलनाडु में तमिल भाषा और यहां के लोगों की प्रशंसा करने और राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व ओडिशा जैसे राज्यों में प्रचार करते समय उनके (तमिलनाडु के) बारे में बुरा-भला बोलने के मोदी के दोहरेपन को समझेगी।

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