बुलडोजर पर देशव्यापी स्टे नहीं लगा सकते : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ उत्तरी दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई के मामले में आज दोबारा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल की मांग पर कोर्ट ने साफ कर दिया कि देशभर में बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकते। हालांकि कोर्ट ने जहांगीरपुरी में निगम की कार्रवाई पर रोक को बरकरार रखा है। इस मामले में 2 हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होगी। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण को मुद्दा बनाया जा रहा है। हम चाहते हैं कि देशभर में इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम देशभर में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकते। सिब्बल ने कहा, मेरा मतलब है कि इस तरह से बुलडोजर के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, तोड़फोड़ तो हमेशा बुलडोजर से ही होती है. वैसे हम आपकी बात समझ गए। इस पर सिब्बल ने कहा, मेरा मतलब है कि इस तरह की कार्रवाई से पहले नोटिस जारी करना चाहिए कि आप अतिक्रमण हटा लें या हम हटाएंगे। एमसीडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनी है। लगभग 50 लाख लोग रहते हैं लेकिन एक ही कॉलोनी को निशाना बनाया जा रहा है। आपने घरों को बर्बाद किया।
आपने गरीबों को टारगेट किया। आपको साउथ दिल्ली या पॉश कॉलोनियों में कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं सॉलिसिटर जनरल ने कहा जहां तक की जहांगीरपुरी की बात है, मैंने जानकारी ली है। हम जहांगीरपुरी से अतिक्रमण हटाना चाहते हैं, ताकि रोड साफ हों। यह अभियान जनवरी में शुरू किया गया था। इसके बाद जनवरी, फरवरी और मार्च में कार्रवाई की। 19 अप्रैल को अगली बार कार्रवाई होनी थी। वे अतिक्रमण और कचरा साफ कर रहे थे। यह सब तब हुआ, जब संगठनों ने इसमें दखल देना शुरू किया। कुछ इमारतें अवैध हैं और सड़क पर बनी हैं, उन्हें नोटिस दिया गया।. 2021 में मार्केट एसोसिएशन की ओर याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया था।
सिर्फ एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा : याचिकाकर्ता
जहांगीरपुरी पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दुष्यंत दवे ने कहा यह राष्टï्रीय महत्व का मसला है। पहले कभी दंगे के बाद इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई। खासकर एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। वकील दुष्यंत दवे ने दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। दवे ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में कहा है कि बिना अनुमति के जुलूस निकाला गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि यह मुद्दा नहीं है। दवे ने इस परर कहा कि ये दोनों बातें आपस में जुड़ी हैं। दवे ने कहा, बिना अनुमति के जुलूस निकाले गए। इसके बाद दंगा हुआ। इसके बाद पुलिस ने एक विशेष समुदाय के लोगों को आरोपी बनाया। इसके बाद एमसीडी ने कार्रवाई की।
शीर्ष अदालत ने राज्यों और केंद्र से मांगा जवाब
शीर्ष अदालत ने देशभर में तोड़फोड़ के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से भी हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है कि उन्हें नोटिस मिला या नहीं। इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।
अधिकारी निकलें फील्ड पर; जनता से करें संवाद : अभिषेक प्रकाश
लखनऊ। ग्रामीण क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए डीएम ने अफसरों को कार्यालय से निकलकर जनता के बीच जाने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने ग्रामीण इलााकों में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। डीएम ने कहा कि अगले कुछ दिनों में गुड फ्राइडे, अलविदा की नमाज, ईद उल फितर, बुद्धपूर्णिमा, बड़ा मंगल, महावीरजी का मेला सहित कई पर्व हैं, जिसमें पूरी तरह सेे सतर्क रहना है। डीएम ने कहा कि पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से अपने-अपने थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले स्थलों पर पीस कमेटी की बैठक कर ली जाए। क्षेत्र में नियमित रूप से फुट पेट्रोलिंग करना सुनिश्चित किया जाए। भ्रमण के दौरान विभिन्न संगठनों, व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों को विश्वास में लाते हुए शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए अपील की जाए। अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों हिस्ट्रीशीटर, जिला बदर हुए व्यक्तियों एवं गैंगस्टर एक्ट के तहत चिन्हित अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
सभी थाना प्रभारी चौकी इंचार्ज को निर्देशित किया जाता है कि स्थानीय स्तर पर भूमि विवाद अथवा अन्य समस्याओं पर त्वरित संज्ञान लेकर उनका अभिलेखीकरण किया जाए। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि थाना स्तर पर तीन माह पूर्व की विवेचना किस स्तर पर लंबित है, इसका विवेचना अधिकारी व थानाध्यक्ष क्षेत्र अधिकारी वार विवरण 3 दिन में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त किन केंद्रों में कितने गोवंश वर्तमान में है, उनके प्रवास, चारे भूसे, पीने का पानी की समुचित व्यवस्था है या नहीं नियमित रूप से चेकिंग कराने की व्यवस्था क्षेत्रीय राजस्व अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों के माध्यम से कराई जाए। सभी उप जिला अधिकारी एवं क्षेत्र अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे उनके क्षेत्र में गोवंश, अवैध कटान एवं पशु चोरी की घटनाएं तो नहीं हो रही है।
हर शुक्रवार को महिला समस्या निराकरण दिवस
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि अब हर शुक्रवार को महिला समस्या निराकरण दिवस मनाया जाएगा। महिलाओं की समस्याओं का त्वरित एवं प्रभावी निराकरण शासन की प्राथमिकताओं में से एक है। इसे देखते हुए कार्यालयों में यह दिवस मनाया जाएगा। इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इस निराकरण दिवस का समय सुबह 11 बजे से एक बजे तक रहेगा। इसमें जन शिकायतों का त्वरित एवं गुणवत्तापरक निस्तारण होगा।