प्रदूषण से लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते : सुप्रीम कोर्ट
- वायु प्रदूषण पर शीर्ष अदालत सख्त, पटाखा निर्माताओं को नोटिस
नई दिल्ली। देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर चिंता जाहिर की है। अदालत ने इस बात पर आपत्ति जताई कि लोग मनाही के बावजूद आतिशबाजी करते हैं, जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़ती है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि वायु प्रदूषण की परेशानी अस्थमा के मरीज ही समझ सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने सख्त लहजे में यह भी कहा वह लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। पटाखों की बिक्री आदि पर कोर्ट ने कहा कि देश में हर दिन जश्न मनाए जाते है। जश्न मनाना अच्छी बात है, जरूर मनाना चाहिए लेकिन जश्न में आतिशबाजी की जाती है जो ठीक नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि लोग अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहे हैं। पीठ ने कहा जश्न तो ठीक है, हमें अन्य मुद्दों पर भी विचार करने की जरूरत है। इतना ही नहीं अदालती आदेश के कथित उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट ने करीब आधा दर्जन पटाखा निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाही क्यों नहीं करनी चाहिए? मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के तीन मार्च 2020 के आदेश के तहत सीबीआई को पटाखा निर्माताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पदार्थों की जांच करने के लिए कहा था।