सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत बोले– मध्यस्थता से दोनों पक्षों को होता है फायदा
भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने मध्यस्थता को विवादों के लिए सर्वोत्तम, सफल और किफायती समाधान बताया है. उन्होंने कहा कि मध्यस्थ किसी पक्ष पर कुछ थोपते नहीं हैं, बल्कि यह उनकी अपनी पसंद का नतीजा होता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने मध्यस्थता को विवादों के लिए सर्वोत्तम, सफल और किफायती समाधान बताया है. उन्होंने कहा कि मध्यस्थ किसी पक्ष पर कुछ थोपते नहीं हैं, बल्कि यह उनकी अपनी पसंद का नतीजा होता है.
भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने शुक्रवार को कहा कि दो पक्षों के बीच अगर किसी बात को लेकर विवाद है तो इस
मुश्किल का बेहतर समाधान केवल मध्यस्थता है. मध्यस्थता को दोनों पक्षों के लिए एक सफल, किफायती और फायदे का सौदा माना जा रहा है. इससे दोनों ही पार्टी पक्ष और विपक्ष खुश रहती हैं. उन्होंने पणजी में ‘मध्यस्थता जागरूकता’ के मौके पर ये बात कही है.
सीजेआई दिन में दक्षिण गोवा के सांकवाले गांव में इंडिया इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लीगल एजुकेशन एंड रिसर्च द्वारा आयोजित ‘मध्यस्थता: आज के समय में यह कितना महत्वपूर्ण है’ कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे. इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत के अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई जज शामिल होने वाले हैं. देशभर के अलग-अलग राज्यों से वकील और लॉ के छात्र भी इस कार्यक्रम शामिल होने पहुंचे हैं.
मीडिएशन ही सही रास्ता- सीजेआई
भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने शुक्रवार को कहा कि मीडिएशन को दोनों पक्षों के लिए एक सफल, किफायती और फायदे का सौदा माना जा रहा है. CJI ने कहा कि मीडिएशन के मामले में, कोई भी मीडिएटर किसी भी पक्ष पर कुछ भी थोपेगा नहीं. उन्होंने कहा, “यह वही है जो वे चाहते हैं या जो वे चाहते हैं.”
मीडिएशन एक सफल टूल- चीफ जस्टिस
CJI कांत ने कहा कि SC ने स्टेकहोल्डर्स को एक मैसेज देने के लिए ‘मीडिएशन फॉर नेशन’ पहल शुरू की है. उन्होंने कहा, “(यह मैसेज) न केवल न्याय के उपभोक्ताओं के लिए बल्कि बार और बेंच जैसे सीधे स्टेकहोल्डर्स के लिए भी है.” अगर लोग खुद को जागरूक करते हैं, तो वे इस बात से वाकिफ हो जाते हैं कि मीडिएशन एक सफल टूल है. उन्होंने कहा, “इससे अच्छे नतीजे मिलेंगे, और ऐसा हुआ भी है.
हम अपने हाई कोर्ट्स को, हम जिला अदालतों को कुछ ऐसे मामलों की पहचान करने के लिए मना पाए जिन्हें मीडिएशन के लिए भेजा जा सकता है. CJI ने मीडिएशन को एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया बताया है. उन्होंने कहा, “यह पुराने मामलों और नए मामलों के लिए भी जारी रहेगा. यह मुकदमे से पहले के चरण के लिए भी जारी रहेगा.



