कोलकाता रेप केस में पीडि़ता की पहचान उजागर होने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सीबीआई जांच पर जताई संतुष्टि
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर से रेप और फिर मर्डर केस में स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है। सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट की समीक्षा की, जिसे मामले की जांच का काम सौंपा गया है। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई ने पर्याप्त प्रगति की है, चल रही जांच में कई प्रमुख सुराग सामने आ रहे हैं। अदालत ने भी हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया लेकिन न्याय सुनिश्चित करने के लिए गहन और त्वरित जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।
इससे पहले, जूनियर डॉक्टरों ने दावा किया था कि वे 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर मामले की सुनवाई के दौरान कार्यस्थलों पर उनकी सुरक्षा पर राज्य सरकार की दलील को देखने के बाद पूरी तरह से ‘काम बंद’ करने का फैसला करेंगे। उनका यह फैसला शुक्रवार रात कोलकाता के पास कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सगोरे दत्ता अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद तीन डॉक्टरों और तीन नर्सों पर हमले के बाद लिया गया।
चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल में हमलों से पता चला है कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के वादे को पूरा करने में पूरी तरह से विफल रही है।
जूनियर डॉक्टरों में से एक ने कहा कि राज्य सरकार हमें सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से विफल रही है और यही कारण है कि सगोर दत्ता अस्पताल में हमला हुआ। हम राज्य को कुछ समय दे रहे हैं और सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान हमारी सुरक्षा के संबंध में उनकी दलीलें सुनना चाहते हैं।फिर शाम 5 बजे से, हम पूरे बंगाल के सभी अस्पतालों में पूरी तरह से काम बंद शुरू कर देंगे।