EVM-VVPAT मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

EVM-VVPAT (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। SC ने चुनाव आयोग से स्पष्टता मांगी है।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: EVM-VVPAT (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। SC ने चुनाव आयोग से स्पष्टता मांगी है। इस दैरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हमें तीन से चार स्पष्टीकरण चाहिए। पहला- माइक्रो कंट्रोलर कंट्रोलिंग यूनिट में होता है या फिर EVM में, दूसरा-सिंबल लेबल यूनिट कितनी हैं, तीसरा-चुनाव याचिका दाखिल करने की समय सीमा 30 दिन होती है तो ईवएम सहेजने की समय सीमा 45 दिन या कम होती है, चिप कहा रहती है, क्या चिप का एक बार ही इस्तेमाल होता है? EVM और VVPAT क्या दोनों को मतदान के बाद सील किया जाता है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये चार से पांच पॉइंट हैं। ऐसे में कोर्ट ने चुनाव आयोग के अधिकारी से इसका जवाब मांगा है। सूत्रों के अनुसार इस मामले में 2 बजे फिर सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT के साथ EVM का उपयोग करके डाले गए वोटों की क्रॉस-वेरिफिकेशन की मांग करने वाली याचिकाओं और आवेदनों पर निर्देश जारी करेगी। इसके साथ ही शीर्ष अदालत आवेदन दाखिल करने वाले बचे हुए पक्षकारों की दलीलों पर भी गौर कर निर्देश जारी कर सकती है। बता दें कि VVPAT एक स्वतंत्र वोट वेरिफिकेशन सिस्टम है, जिसमें वोटर यह देख सकता है कि उनका वोट सही तरीके से पड़ा है या नहीं !

चुनावी प्रक्रिया में पवित्रता होनी चाहिए: जस्टिस खन्ना

EVM-VVPAT मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई (18 अप्रैल) को हुई थी। साथ ही आयोग से सवाल किया गया था कि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष इलेक्शन करवाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से बताए। उस दौरान जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि यह (एक) चुनावी प्रक्रिया है। इसमें पवित्रता होनी चाहिए। किसी को भी यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि जिस चीज की उम्मीद की जा रही है, वह नहीं हो रही है।

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