निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी को ‘सुप्रीम’ राहत, एफआईआर खारिज करने के खिलाफ दायर याचिका रद्द
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी को मंगलवार को बड़ी राहत दी। अदालत ने उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। यह याचिका झारखंड सरकार की ओर से दायर की गई थी। साल 2022 में हवाई अड्डा से उड़ान भरने के दौरान विमानन नियमों के उल्लंघन से जुड़ा यह मामला है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब एससी ने झारखंड सरकार से सवाल किया कि सीआईडी ??भाजपा के सांसदों निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी के खिलाफ विमानन नियमों के उल्लंघन के मामले की जांच क्यों कर रही है, जबकि आरोपों की जांच की जिम्मेदारी डीजीसीए की थी। अदालत ने राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील जयंत मोहन से कहा कि यह मामला वायुयान अधिनियम के तहत विचारणीय है, जिसमें विमानन अपराधों से संबंधित मामलों की जांच के लिए एकमात्र जिम्मेदारी नागर विमानन महानिदेशालय को दी गई है।भाजपा सांसदों समेत 9 लोगों पर थी अगस्त 2023 में देवघर जिले के कुंडा पुलिस थाने में दोनों सांसदों सहित 9 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपियों पर एटीसी कर्मियों को 31 अगस्त, 2022 को निर्धारित समय से परे देवघर हवाई अड्डे से उड़ान भरने के लिए अपनी चार्टर्ड उड़ान को मंजूरी देने के लिए मजबूर करने का आरोप है। पीठ ने झारखंड हाई कोर्ट के 13 मार्च, 2023 के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर भी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें भाजपा सांसदों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी गई थी।निशिकांत दुबे के वकील ने एचसी को बताया कि 31 अगस्त को देवघर से दिल्ली जाने वाली उड़ान में देरी हुई थी। हालांकि, विमानन नियमों के मुताबिक विमान सूर्यास्त के आधे घंटे बाद भी उड़ान भर सकता है। उस दिन सूर्य लगभग 6.03 बजे अस्त हुआ, जबकि विमान ने 6.17 बजे उड़ान भरी। यह उड़ान के स्वीकृत मानदंडों के तहत था।