टैरिफ जंग से अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर असर: मूडीज की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

अमेरिकी की ओर से छेड़ी गई टैरिफ जंग के बीच क्रेडिट रेटिंग कंपनी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा है कि इस टैरिफ वॉर का अमेरिका के मार्केट पर निगेटिव प्रभाव पड़ेगा और लोगों का भरोसा बाजार से उठ सकता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अमेरिकी की ओर से छेड़ी गई टैरिफ जंग के बीच क्रेडिट रेटिंग कंपनी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा है कि इस टैरिफ वॉर का अमेरिका के मार्केट पर निगेटिव प्रभाव पड़ेगा और लोगों का भरोसा बाजार से उठ सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ वॉर के क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अमेरिका पर नया डाटा पेश किया है. कंपनी ने कहा कि जिस तरीके से अभी मार्केट में उथल पुथल मची हुई है. इसका निगेटिव इंपैक्ट अमेरिका के बाजार और वहां के लोगों पर पड़ेगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर अन्य देशों पर जवाबी शुल्क को 90 दिन के लिए टाल दिया है. हालांकि, बाकी देशों पर मूल 10 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू रहेगा. मूडीज रेटिंग्स की वरिष्ठ उपाध्यक्ष निकी डांग ने कहा कि अमेरिका-चीन तनाव में बढ़ने और चीन में सुस्ती की वजह से पड़ने वाले प्रभाव एशियाई क्षेत्र की वृद्धि की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण निगेटिव रिस्क पैदा करते हैं.

भारत की इकोनॉमी ग्रोथ का अनुमान घटाया
भारत जैसे बड़े घरेलू बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं को इन बाजारों तक पहुंच चाहने वाली कंपनियों से लाभ हो सकता है, लेकिन निवेश प्रवाह में कोई भी बड़ा बदलाव कई साल के दौरान होगा. मूडीज की एक अन्य कंपनी मूडीज एनालिटिक्स, ने पिछले सप्ताह 2025 के कैलेंडर साल के लिए भारत की वृद्धि दर के अपने फरवरी के अनुमान को घटाकर 6.1 प्रतिशत कर दिया है. पहले उसने 6.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था. डांग ने कहा कि शुल्क पर फिलहाल रोक ने क्षेत्र के व्यापार और वृद्धि पर अतिरिक्त शुल्क के नकारात्मक प्रभाव को कम कर दिया है. हालांकि, क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाओं को अब भी अतिरिक्त 10 प्रतिशत का शुल्क देना होगा.

डांग ने कहा कि 90-दिवसीय स्थगन सभी सरकारों को अधिक अनुकूल शर्तों के लिए बातचीत करने के लिए कुछ गुंजाइश प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि उच्च कुल शुल्क अब भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर कुछ मुद्रास्फीति दबाव डालते हैं. इस बीच, नीति अनिश्चितताओं के कारण व्यापार और उपभोक्ता भावना कमजोर पड़ने और घरेलू मांग में कमी आने की संभावना है, जिससे वृद्धि के लिए नकारात्मक जोखिम पैदा हो सकता है.

Related Articles

Back to top button