नीतीश से मुलाकात के बाद गदगद दिखे तेजस्वी और लालू

पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार की सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर भेंट की। सुबह 11.30 बजे जैसे ही लालू प्रसाद और तेजस्वी एक साथ पहुंचे तो सियासी गलियारे में तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे।
वहीं, लगभग 45 मिनट की इस मुलाकात के बाद जब लालू और तेजस्वी बाहर निकले तो इस मुलाकात को एक सामान्य मुलाकात कहा। तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक है। हमलोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में मिलकर चुनाव लड़ेंगे। बिहार में भाजपा का सूपड़ा साफ होगा। तेजस्वी ने कहा गठबंधन में किसी भी तरह के गांठ से स्पष्ट इनकार करते हुए कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। मुख्यमंत्री से लालू प्रसाद और तेजस्वी की मुलाकात को लेकर यह भी चर्चा होने लगी कि सीट शेयरिंग पर भी विमर्श हुआ। तेजस्वी ने कहा कि जहां जदयू चुनाव लड़ेगा वहां राजद के लोग भी जदयू प्रत्याशी के समर्थन में रहेंगे। सीट को लेकर किसी तरह का कोई झंझट नहीं है।
नीतीश कुमार से लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की मुलाकात के संबंध में यह भी कहा जा रहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के 22 रिक्त पदों पर पोस्टिंग है। इस पदस्थापन के संबंध में लालू प्रसाद, तेजस्वी और नीतीश कुमार के बीच विमर्श हुआ और सहमति बनी।
कुछ महत्वपूर्ण विभागों का कामकाज को लेकर भी चर्चा हुई। कुछ महकमों में नयी नियुक्ति के कामकाज में तेजी लाने पर भी विमर्श हुआ।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने विधायकों से अलग-अलग नियमित रूप से मिल रहे। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर लौटने वाले विधायकों ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था।
उत्तर बिहार के एक विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने कहा कि अपने क्षेत्र में पथ निर्माण से जुड़ी समस्या के सिलसिले में वह मुख्यमंत्री से मिले थे। इसी तरह एक विधायक ने कहा कि अपने क्षेत्र में एक अस्पताल के उद्घाटन के सिलसिले में वह मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे।
राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा भी तेजी से फैली कि जदयू ने अपने विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है पर जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि इस तरह का कोई निर्देश नहीं मिला है।

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