सीएम नीतीश के गृह जिले से जुड़े हैं शिक्षा माफिया के तार: तेजस्वी

  • परीक्षा पेपर लीक को लेकर बिहार सरकार पर भडक़े राजद नेता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में एक बार फिर सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी की ऑनलाइन परीक्षा का पेपर लीक हो गया, जिससे यह परीक्षा रद्द करनी पड़ी। इस घटना ने राज्य में एक बार फिर परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने इसे ‘सत्ता संरक्षित माफिया’ की कारस्तानी बताते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि राज्य में हो रही अधिकतर परीक्षाओं के पेपर लीक के तार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले से जुड़े रहते हैं।
उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री कभी इन घटनाओं पर खुलकर बोलते क्यों नहीं हैं? इस लीक ने न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि बिहार में परीक्षाओं की साफ-सुथरी प्रक्रिया पर भी संदेह पैदा कर दिया है। आरोप है कि बीजेपी-जेडीयू गठबंधन सरकार के संरक्षण में पेपर लीक माफिया सक्रिय हैं, जो हर बड़ी परीक्षा में गड़बड़ी कर राज्य की शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि यह पहली बार नहीं है जब परीक्षा में गड़बड़ी हुई हो। बिहार में हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैं, जिनमें बीपीएससी, एटीईटी और अब सीएचओ परीक्षा शामिल है। हर बार लीक का खुलासा होने के बाद परीक्षाएं रद्द की जाती हैं, लेकिन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का अभाव रहा है।

सरकार बोली जांच होगी

सरकार की ओर से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने परीक्षा रद्द करने का कारण बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इधर, परीक्षार्थियों और उनके परिवारों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि मेहनत और तैयारी के बावजूद ऐसी घटनाओं से उनका भविष्य अधर में लटक जाता है। कई छात्र संगठनों ने पारदर्शी जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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