चुनाव में नहीं चलेगी ठाकुरवाद की राजनीति
जाति को लेकर दिए गए सीएम योगी के बयान पर उठे सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी के सीएम योगी पर हमेशा से जातिवादी होने या यूं कहें कि ठाकुरवाद का आरोप लगता रहा है। अब सीएम योगी ने खुले तौर पर कह दिया है कि मुझे अपने क्षत्रिय होने पर गर्व है। ये बातें निकलकर सामने आई वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, शीतल पी सिंह, अजय शुक्ला, 4पीएम के संपादक संजय शर्मा, प्रो. रविकांत, डॉ. सीपी राय और अभिषेक कुमार के साथ लंबी परिचर्चा में।
अशोक वानखेड़े ने कहा क्षत्रिय धर्म में पैदा होना गलत नहीं मगर सीएम के मुंह से यह बात अच्छी नहीं। उन्हें किसने सीएम बनाया जो जातिवाद की राजनीति सरकार में बैठकर करते हैं। राम जी को जोड़ रहे अपने साथ, मगर उनकी पीठ खुद रामजी को नहीं मानती। शीतल पी सिंह ने कहा जाति को लेकर चलेंगे तो विश्व गुरू नहीं बन सकते। संविधान की शपथ ली है तो उस स्तर पर गलती का नतीजा गलत ही निकलता है। योगी मुख्यमंत्री पद की अवहेलना कर रहे हैं।
अजय शुक्ला ने कहा अभी योगीराज है। क्योंकि शिव ने कभी नहीं बताया कि वे दलित थे, क्षत्रिय थे या कि क्या थे। हनुमानजी की जाति भी बताई योगीजी ने। अब ये जाति पर राजनीति कर रहे हैं। संजय शर्मा ने कहा संत की कोई जाति नहीं होती क्योंकि वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं गए थे। मगर जब कोरोना हुआ तो वे बंगाल में चुनाव प्रचार कर रहे थे। ये जो ठाकुरवाद की राजनीति है। ये 2022 में ही नहीं बल्कि 2024 में भी योगी चलाएंगे। प्रो. रविकांत ने कहा सीएम योगी का क्षत्रिय पर गर्व वाले बयान से स्पष्टï है कि वे पूर्ण रूप से ठाकुरवादी है। इसी क्रम में सरकार में नियुक्तियां की गई। मगर सरकार से ठाकुर भी खुश नहीं है। हालांकि स्वाभिमान को लेकर सजग जरूर होगी।
डा. सीपी राय ने कहा सीएम योगी के मुंह से ऐसे बयान शोभा नहीं देते क्योंकि वे पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री है। चुनाव में इसका क्या लाभ मिलेगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।