शहर में खुद रहे बेसमेंट कहीं बन न जाएं कब्रगाह
बिल्डर परमिशन से ज्यादा करते हैं खुदाई, बड़े अपार्टमेंट दे रहे हैं खतरे को दावत
अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा अवैध खनन
मो. शारिक
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बेसमेंट खुदाई में बिल्डरों की मनमानी जारी है। लगातार हो रही बारिश की वजह से इन अवैध बेसमेंट के खतरे अब जानलेवा होते जा रहे हैं। गौरतलब हो कि लखनऊ विकास प्राधिकरण जहां जितना बेसमेंट खुदाई की परमिशन देता है, भवन स्वामी अपनी मनमानी तरीके से बेसमेंट की खुदाई कर देते हैं। जब कभी कोई आपत्ति करता भी है तो संबंधित भवन स्वामी लखनऊ विकास प्राधिकरण से स्वीकृत नक्शे का हवाला देकर बच निकलता है।
मनमानी का आलम ये है कि मानक, नियमों की अनदेखी कर टीन सेट की चारदीवारी लगाकर अवैध कार्यों को सीना तान कर धड़ल्ले से करना शुरू कर देते हैं। इन भवन स्वामियों को नहीं पता पड़ोस में किस की दीवार उनकी अवैध खुदाई से खिसक सकती है। कौन सी सडक़ धस सकती है। कब मजदूर इस बेसमेंट की खुदाई के दौरान हादसे का शिकार हो सकता है। इन सभी चीजों को दरकिनार कर बड़ी बड़ी बिल्डिंग लखनऊ में बनाई जा रही है।
बारिश में नहीं होगी बेसमेंट की खुदाई : वीसी एलडीए
फिलहाल लखनऊ विकास प्राधिकरण वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी से मिली जानकारी में बताया गया है। कि शालीमार गैलेंट बेसमेंट की खुदाई और निर्माण मानकों के अनुरूप है। निर्देश जारी कर दिए गए हैं। लखनऊ भर में कोई भी बारिश के समय में बेसमेंट की खुदाई और निर्माण नहीं करेगा। लखनऊ में अब कोई भी वेस्टमेंट की खुदाई और निर्माण सितंबर माह तक नहीं होगा।
शालीमार गैलेन्ट के आस-पास के घरों में घुसा पानी
शालीमार गैंलैंट का अंदर जाने का रास्ता नाले के ऊपर बना हुआ है। राजधानी में जिसका जीता जागता उदाहरण है महानगर का शालीमार गैलेन्ट। महानगर के पास खुद रहे इस प्रोजेस्क्ट के बेसमेंट में तेज़ बारिश से पानी भर गया है। धीरे-धीरे बेसमेंट में पानी का स्तर बढ़ता जाता है। किसी तरह से वहां काम कर रहे मजदूरों ने अपनी जान बचाया। बेसमेंट के अंदर जेसीबी तक डूब गई है। स्थानीय लोग इससे दहशत में। वे बताते हैं कि बेसमेंट के करीब नाले तक की दूरी कम होने के कारण ऐसी दुर्घटना हुई। तेज बारिश के बाद बेसमेंट में नाले का पानी तेजी घुसा। देखते ही देखते आसपास में बने फ्लेटों की नींव में भी पानी भरने लगा है। स्थानीय लोगों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण में इस बाबत शिकायत की है। समय रहते जिला प्रशासन ने इसे संज्ञान में नहीं लिया तो बड़ा हादसा टल गया। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच भी की जाएगी और जल्द से जल्द नाले के बराबर की दीवार को पूरा कराने के आदेश भी हैं। इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, और ना ही बराबर में किसी बिल्डिंग व फ्लैट को नुकसान पहुंचा है।
4PM का कैमरा देख भागे जोन-3 में तैनात अवर अभियंता
इस दुर्घटना स्थल पर जाकर जब 4पीएम के रिपोर्टर ने जानकारी लेनी चाही तो अवर अभियंता सनी विश्वकर्मा कैमरा देखकर भाग खड़े हुए। मौके पर मौजूद अवर अभियंता ने खुद को स्थानीय निवासी बताया। जब इसकी जानकारी की गई तो पता चला वह अवर अभियंता हैं। ऐसे लोगों की वजह से एक बड़ा भ्रष्टाचार फल फूल रहा है, इससे पहले भी नाला एक बार टूट चुका था। पर नगर निगम जोन 3 के अवर अभियंता की देखरेख में शालीमार गैलेंट का नया प्रोजेक्ट बनता रहा । सबसे बड़़ी बात इस मिली भगत की भनक अधिकरियों को भी नहीं लगी। गौरतलब मानसून के आते ही भ्रष्टाचार के बाबुओं की पोल खुलने लगी है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसे बाबुओं पर कार्रवाई कब होगी। साथ ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है ऐसे इंजीनियर कब पकड़े जाएंगे जो नगर निगम के वरिष्टï अधिकारियों, कमिश्नर और नगर आयुक्त के निरंतर दौरे और आदेशों का भी पालन नहीं करते हैं।