हाईकोर्ट ने दिया ममता सरकार को झटका, शुभेंदु के खिलाफ मुकदमा करने की नहीं दी अनुमति

नई दिल्ली। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आसनसोल में एक कार्यक्रम में भगदड़ में मौत के मामले में राज्य को विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति नहीं दी है. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि अगर राज्य शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना चाहता है तो उसे उचित पीठ के पास जाना चाहिए. कलकत्ता हाई कोर्ट इस संबंध में कोई अंतरिम आदेश नहीं देगा.
बता दें कि राज्य ने बुधवार को आसनसोल में कंबल दान कार्यक्रम के दौरान कुचले गए 3 लोगों की मौत के मामले में शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, राज्य की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
उसके बाद राज्य ने तब मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की अध्यक्षता वाली कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ का ध्यान आकर्षित किया. जस्टिस राजशेखर मंथा की सिंगल बेंच के आदेश में संशोधन करने का अनुरोध किया गया था. राज्य ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि न्यायमूर्ति मंथा ने आदेश के अंत में कहा कि अदालत की अनुमति के बिना कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है. लेकिन इस घटना में एफआईआर दर्ज करना जरूरी है.
जस्टिस जॉय सेनगुप्ता ने सवाल किया, क्या राज्य कोई प्रारंभिक जांच कर रहा है? क्या शव परीक्षण खत्म हो गया है? एफआईआर दर्ज करने से पहले भी ये होने की जरूरत है. इससे जुड़ा एक और मामला मुख्य न्यायाधीश के समक्ष लंबित है. ऐसे में यह बेंच क्या करेगी? क्या आप डिविजन बेंच में चुनौती देने गए थे? हालांकि शुक्रवार को कोर्ट में जज के इन सभी सवालों का राज्य सरकार कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाई. इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया. शुभेंदु अधिकारी के वकील राजदीप मजूमदार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सीधे सुप्रीम कोर्ट गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई नहीं की.
बता दें कि आसनसोल में भगदड़ मामले में में बीजेपी नेता जितेंद्र तिवारी और उनकी पत्नी चैताली तिवारी के खिलाफ आसनसोल नॉर्थ थाने में पहले ही शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है. इस शिकायत के आधार पर कार्यक्रम के आयोजकों में से एक और आसनसोल नगर पालिका चैताली के नेता प्रतिपक्ष सहित कई भाजपा पार्षदों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. शुक्रवार को उनलोगों की कोर्ट में पेशी हुई. इस दौरान उन लोगों ने साजिश के तहत उन्हें फंसाने का आरोप लगाया.

 

Related Articles

Back to top button