आगे के चार चरणों में पुरानी पेंशन स्कीम के मुद्ïदे ने पकड़ी रफ्तार
- कर्मचारी वर्ग सपा के पक्ष में हो रहा लामबंद
लखनऊ। एक ही लक्ष्य एक ही नारा… पुरानी पेंशन हक है हमारा। विधानसभा चुनाव में यह नारा यूपी के हर कर्मचारी की आवाज बन चुका हैं। अब तक हुए तीन चरणों में समाजवादी पार्टी की ओर से की गई घोषणा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को भरपूर समर्थन मिला हैं। वहीं आगे के बचे चरणों में भी भरपूर समर्थन मिलने की उम्मीद दिख रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षक व कर्मचारी संगठन की यह मांग वर्षों से लंबित थी, मगर चुनाव से पहले ओएसपी पर किया गया वादा सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए तुरप का पत्ता साबित होगी। कर्मचारी संगठन कई वर्षों से पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की बात कर रहे थे। मगर भारी लागत और सरकारों की उपेक्षा ने इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। मगर जब अखिलेश यादव ने सरकार बनने पर ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का वादा किया तो कर्मचारियों के चेहरे खिल उठे। आखिरी के चार चरणों में सबसे ज्यादा कर्मचारी, शिक्षकों आदि की संख्या है, ऐसे में इस मुद्ïदे को सपा को फायदा मिलना तय है।
इसी क्रम में पूर्व मंत्री नरेंद्र वर्मा ने तो अपनी पेंशन तक इसी मुद्दे पर छोड़ दी कि अगर प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी तो हम अपनी पेंशन कैसे ले सकते हैं। सपा से पूर्व सांसद लोकसभा एवं राज्यसभा उदय प्रताप सिंह भी अखिलेश के इस फैसले से खुश हैं। वहीं मजदूर संवाद यात्रा निकालकर मजदूरों कर्मचारियों के सवालों को सपा के घोषणा पत्र में शामिल करवाने वाले विधायक शशांक यादव आदि के प्रयासों से अब पुरानी पेंशन का मुद्दा बड़ा मुद्ïदा बन गया। मायावती ने भी सपा वाला दांव चला, मगर लोग बसपा की नीतियों से खुश नहीं है। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार, विजय कुमार कहते हैं कि पुरानी पेंशन का मुद्ïदा जो सरकार सुलझाएगी, हम उसके साथ हैं और नयी सरकार जो आएगी वो पुरानी पेंशन बहाली के ऐतिहासिक निर्णय लेगी।