यहां की जमीन उगल रही हीरे-मोती, पूरा गांव खुदाई में जुटा

मप्र के दमोह जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर बालाकोट गांव के नजदीक खिरका के पास की जमीन हीरे मोती उगल रही है। यह घटना दमोह की तीसरी घटना है। पहले तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बोरिया, फिर दमोह के बिसनाखेड़ी और अब बालाकोट की जमीन से काले मोती निकल रहे हैं। इसकी जानकारी लगते ही कुछ ग्रामीण गैंती, सब्बल लेकर पहाड़ी पर इन काले मोतियों की तलाश में जुट गए। एक से दो दिन तक चली खुदाई के दौरान कुछ ग्रामीणों को काले मोती मिले, जिसकी खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। इसके बाद सुबह 7 बजे से पूरा टोला खुदाई के औजार लेकर काले मोतियों की तलाश में जुट गया। यहां रोजाना 200 लोग पहाड़ी पर अलग-अलग जगह खुदाई करने में लगे हैं। वहीं ग्रामीणों की मानें तो एक माह से ऊंचे टीले पर खुदाई का काम चल रहा। इस दौरान 1 किलो से भी अधिक काले मोती मिलने दावा किया जा रहा है। कुछ ग्रामीणों ने तो इन्हें बाजार में बेचने गए तो व्यापारियों ने इन्हें काफी ऊंचे दामों में खरीदा। हर एक काले-सफेद मोती के वजन और उसके आकार के बाद उसकी कीमत तय की गई। कुछ मोती साइज में बड़े हैं तो उनकी कीमत 10 से 15 हजार रुपये तो वहीं यदि साइज में 19-20 का फर्क लगा तो वह 5 से 7 हजार रुपये तक बिके हैं। बालाकोट के रहने वाले जगदीश ने बताया की पूरा टोला एक महीने से इस पहाड़ी इलाके में खुदाई कर रहा है। उन्हें भी खुदाई के दौरान 2 मनके या गुरिया मिले हैं। वहीं पुरात्व अधिकारी सुरेंद्र चौरसिया ने बताया कि दमोह की यह तीसरी घटना है। इसके पूर्व तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बोरिया, अभाना के नजदीक बिसनाखेड़ी ग्राम से भी ऐसी घटना सामने आई थी। लगभग 2 साल बाद यह तीसरी घटना बालाकोट से सामने आई है। चित्र देखने से प्रतीत होता है कि ये मनके या गुरिया हैं, जो मालाओं में पिरोए जाने वाले हैं। ये मनके बड़े ही आकर्षक और सुंदर हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि ये पुरातात्विक मनके या गुरिया हो सकते हैं।

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