10 लाख वर्ग किमी बढ़ गई इस देश की जमीन

ना खरीदा ना ही किसी देश पर कब्जा किया फिर भी बढ़ गई इस मुल्क की जमीन

दुनिया में आज किसी भी देश का नक्शा बदलना बहुत मुश्किल है। या तो जमीन के हिस्से को लेकर दो देश दावा करते है और उनका विवाद सुलझने पर नक्शा बदलता है। हाल ही में अमेरिका ने अपना नक्शा बदला है। इसके लिए ना तो उसका किसी देश से सीमा विवाद सुलझा है और ना ही उसने किसी देश पर कब्जा कर लिया है। पर नए नक्शे में अमेरिका की जमीन 10 लाख वर्ग किलोमीटर बढ़ गई। इसके लिए समुद्री जमीन को लेकर 20 साल पुराने अंततरराष्ट्रीय कानून की मदद ली गई है।
अमेरिका ने हाल ही में एतिहासिक कदम उठाते हुए आधिकारिक तौर पर अपना भौगोलिक क्षेत्र दस लाख वर्ग किलोमीटर बढ़ा लिया है। इस बढ़त से अलास्का का आकार अब पिछले आकार की तुलना में 60 फीसदी बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उपयोग करते हुए अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने समुद्र के अंदर के इलाकों को जमीन में शामिल किया है। इलाके के विस्तार के पीछे अमेरिका कॉन्टिनेंटल शेल्फ सीमाओं को वजह बताया जा रहा है। कॉन्टिनेंटल शेल्फ वह इलाका है जो समुद्री के अंदर का उथला तल कहा जाता है. दावा किया जा रहा है कि यही क्षेत्र बढ़ गया है। इसमें आधे से अधिक इलाका आर्कटिक क्षेत्र का बताया जा रहा है।
विस्तारित कॉन्टिनेंटल शेल्फ ही इस बदलाव का असली कारण है। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत तटीय इलाकों वाले देश इन विस्तारित क्षेत्र पर अपना दावा कर सकते हैं जिससे उन्हें इस क्षेत्र के संसाधनों का उपयोग करने का कानूनी अधिकार मिल जाता है। ऐसा करने वाला अमेरिका अकेला देश नहीं है इससे पहले 75 से ज्यादा देश ऐसा कर चुके हैं।
इस मामले में अमेरिका के NOAA और अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने 2003 में काम करना शुरू किया था और बीते 19 दिसंबर को नया नक्शा तैयार हो सका। इसमें आर्कटिक के अलावा पूर्वी अटलांटिक, मरीना द्वीप, बेरिंग सागर और मैक्सिको की खाड़ी के दो इलाके हैं। अमेरिकी सरकार का दावा है कि इसमें रूस के साथ हुए समझौते के मुताबिक उसके किसी भी इलाके का अतिक्रमण नहीं हुआ है।

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