पुतिन के गोदी मीडिया के सवाल को बताया बेकार, खोल दी पोल!

देश की पत्रकारिता का गोदी कल्चर तो आप जानते ही हैं। कई इंटरव्यू इस प्रकार के भी देखते होंगे कि हमारे देश के पत्रकारों को ये जानने की चिंता होती है कि पीएम साहब आम चूसकर खाते हैं या फिर काटकर।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: देश की पत्रकारिता का गोदी कल्चर तो आप जानते ही हैं। कई इंटरव्यू इस प्रकार के भी देखते होंगे कि हमारे देश के पत्रकारों को ये जानने की चिंता होती है कि पीएम साहब आम चूसकर खाते हैं या फिर काटकर।

बेचारी रुबिका जी तो प्रधानमंत्री की परफॉरमेंस देखकर ये सवाल पूछ बैठती हैं कि पीएम साहब आ थकते क्यों नहीं और हद तो तक हो जाती है इन गोदी मीडिया के सवालों में पीएम साहब खुद को नॉन बायोलॉजिक्ल बताने लगते हैं। आपको बात दें कि ये सबकुछ सिर्फ और सिर्फ इस वजह से होता है कि गोदी मीडिया हर चीज में पीएम नरेंद्र मोदी का पीआर ढूंढकर खुद का नंबर बढ़ाने की कोशिश करती है और इसी कोशिश के नतीजे उनकी कंपनी की जेबें भरते हैं।लेकिन हर बार कहीं न कहीं बुरा फंस भी जाते हैं। और इस बार भी यही हुआ है। दो हजार की नोट में चिप लगाने की वाली गोदी मीडिया ने – पुतिन के इंटरव्यू में भी आप थकते नहीं है पार्ट टू रिलीज कर दिया है।

दरअसल इंडिया टुडे ने भारत के दौरे पर आए एक रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इंटरव्यू किया। हालांकि ये इंटरव्यू पहले ही शायद कि रुस में ही कर लिया गया था लेकिन इसके सवाल भी गोदी के मीडिया के पिछले सवालों जैसे ही थे। दरअसल इंडिया टुडे ग्रुप के मालिक अरुण पूरी की बेटी कली पुरी ने पुतिन के भारत आने पर एक सवाल पुतिन से पूछती दिखीं हैं लेकिन उनके एक सवाल और उनकी हरकत ने उनको इंडिया टुडे ग्रुप के पत्रकार कम एक साधारण दर्जे के पत्रकार से भी नीचे कर दिया है।

इस सवाल में गोदी मीडिया के दो सवाल है, पहला ये कि ये रुकिया लियाकत का पीएम मोदी से पूछे गए सवाला का पार्ट टू है। फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर इसको – आप थकते नहीं है पार्ट 2 कहते हैं। और सच भी है कि पुतिन से ये सवाल पूछने को कौन सा औचित्य है। मतलब या तो आप उनकी हार्ट वर्किंग के बारे में इतना जानते हो, कहा जाता है कि पुतिन के ज्यादातर काम पोशीदा होते हैं। उनकी रुसी मीडिया को बहुत जानकारी नहीं होती है लेकिन हमारे देश के पत्रकारों के पास इतनी जानकारी हो गई कि वो हार्ड वर्किंग है। चालिए यहां तक भी ठीक है लेकिन बीच में हमारे प्रधानमंत्री की तरह जोड़ने का क्या मतलब था।

मलबत साफ है कि हर सवाल में गोदी और पीएम नरेंद्र मोदी का पीआर डेवलप कराना होता है और शायद यह सवाल इसी लिए पूछा गया होगा और हद तक हो गई जब पुतिन इस सवाल पर खिलखिला कर हंस पड़े। मतलब पुतिन को भी लगा होगा कि यार! यहां की पत्रकारिता का स्तर क्या है। लेकिन इससे भी बडा ब्लंडर कली पुरी ने किया वो ये कि वो के हंसते ही तालियां पीट-पीटर कर खुद भी हंसने लगी जैसे कि पत्रकारिता और इंटरव्यू करने नहीं बल्कि रात की डिनर पार्टी में शामिल होने आई हों। आपको बता दें कि किसी पत्रकार का अपने सवालों पर तालियां बजाकर हंस नहीं सकता है।

इसी वजह से लोग गोदी मीडिया की संज्ञा देते हैं ये मामला यही नहीं रुका है बल्कि एक ओर बड़ा ब्लंडर इंटरव्यू में हुआ है। इंडिया टुडे ग्रुप की एक विदेशी मामलों की जानकार गीता मोहन है। पुतिन के कई घंटों का जो इंटरव्यू हुआ है उसमें गाीता मोहन ही विदेशी मामलों के जानकार के रुप में शामिल हैं लेकिन वहां भी गोदी की तरह ही एक सवाल आया। सवाल एक बार फिर पीएम मोदी के सवालों के पीआर को बढ़ाने वाला और भारत के पहले के प्रधानमंत्रियों को नीचे गिराने की कोशिश थी।

इस तरह का सवाल कोई पत्रकार अपने पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ कैसे पूछ सकता है। क्या ये पत्रकारिकता के धर्म के अनुसार है। पूरा सवाल आप ध्यान से देखिए, सवाल का मकसद सिर्फ और सिर्फ मोदी के पीआर को बढ़ाने का है। अगर पुतिन इसमें मोदी का नाम ले लेते तो ये बात तय भी कि अब तक आईटी लाखों रील रिलीज कर चुका होता और नरेंद्र मोदी को डंकापति के रुप में अब तक दोबारा स्थापित करने का खेल शुरु हो गया होता लेकिन रुसी राष्ट्रपति पुतिन ने जो कुछ किया वो बहुत ही चौंका देने वाला था।

मलतब पुतिन ने बिल्कुल साफ-साफ कह दिया है कि ये सवाल पत्रकारिता के गरिमा के अनुरुप नहीं है और इस तरह के सवाल किसी भी राष्ट्राध्यक्ष से नहीं पूछे जाने चाहिए। वैसे भी ये बात पूरा देश जानता है कि पीएम मोदी की वजह से भारत रुस के रिश्ते अच्छे नहीं हुए है बल्कि भारत और रुस की दोस्ती इंदिरा गांधी के समय से ही है। जब भारत पाकिस्तान में युद्ध हुआ था तो भारत के साथ रुस ही खड़ा हुआ था, जिसके डर से अमेरिका पीछे हटा था। और उसके बाद से भारत और रुस की दोस्ती हमेशा से रही है। हां पीएम मोदी ने ट्रंप को खुश करने के चक्कर में रुस से पिछला जो तालमेल था वो कम होता दिख रहा है।

रुस कभी भी भारत के अलावा पाकिस्तान को हथियार नहीं बेचता था लेकिन पिछले दिनों से इस तरह की खबरें आई हैं कि रुस अब पाकिस्तान को भी हथियार बेच रहा है। ये रुस और भारत के बीच पिछले 11 साल के रिश्तों में आई खटास का नतीजा है। तेल के मामले को लेकर पीएम मोदी ने इस खाई को पाटने का प्रयास किया है लेकिन अब रुस पाकिस्तान के साथ डील कर चुका है। ऐसे में साफ है कि गीता मोहन का जो सवाल था उनके विदेश मामलों की जानकारी पर न सिर्फ सवाल उठाता है बल्कि जो सवाल उन्होंने पुतिन के सामने रखा है उसके मकसद को बयान कर देता है कि पीएम मोदी के पीएआर के जरिए अपने नंबर अपनी कंपनी के नंबर बढ़ाने की कोशिश है। और ये कोशिश भाारतीय पत्रकारिता को गर्त में ले जा रही है।

बतौर पत्रकार बहुत से सवाल बन सकते थे तो इस पीआर के सवाल को इतना उछालने की बहुत ज्यादा जरुरत क्या थी लेकिन बेचारी गोदी तो अपने आका को शामिल किए बगैर कुछ कर नहीं सकती है। सोशल मीडिया पर गोदी की इस कारस्तानी पर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं कोई -आप थकते नहीं का पार्ट टू बता रहा है तो काई आप – आम काटकर खाते हैं या चूस कर सकेंड वर्जन कह रहा है। बस गनीमत इतना है कि पूरे मामले में को दो हजार की नोट की चिप वाला खेल नहीं सामने आया है और अगर आ जाए तो इस पर घबराईएगा नहीं। पूरे मामले पर आपका क्या मानना है।

क्या जो पुतिन से गीता मोहन ने सवाल पूछा है क्या वो अपने ही देश के दूसरे प्रधानमंत्री की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला नहीं है। क्या सच में कली पुरी का सवाल आप थकते नहीं है का पार्ट टू है। क्या कली पुरी जिस तरीके से ताली बजाकर हंस रही हैं वो एक बचकानी हरकत है जो पत्रकार को शोभा नहीं देती है।

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