जिराफ जैसी लंबी होती हैं इन औरतों की गर्दन, गले में पहनती हैं छल्ले?

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
दुनिया में जितने देश हैं, उससे हीं ज्यादा मान्यताएं हैं। इन देशों में आज भी ऐसी कई जनजातियां रहती हैं, जो अपनी प्राचीन मान्यताओं का पालन करती आ रही हैं। ऐसी ही एक जनजाति म्यांमार में रहती है। इस जनजाति की औरतों की गर्दनें, जिराफ की गर्दन जैसी लंबी हो जाती हैं! ये औरतें अपने गले में धातु के छल्ले पहनती हैं। सैकड़ों टूरिस्ट इनके गांवों में जाकर इन औरतों के साथ फोटो खिंचवाते हैं। इन्हें देखकर बाकी लोगों को बहुत हैरानी भी होती है। पर ये छल्ले क्यों पहनती हैं? जब आपको इसका कारण पता चलेगा, तो आपके होश उड़ जाएंगे। अल जज़ीरा न्यूज वेबसाइट के अनुसार म्यांमार की कायन जनजाति पीतल के बने छल्लों को पहनने के लिए जाती जाती है। इस जनजाति की औरतें, अपने गले में ये छल्ले एक के ऊपर एक पहनती हैं। नीचे सबसे बड़े आकार के छल्ले होते हैं और उसके ऊपर घटते क्रम में ये छल्ले पहने जाते हैं। इस तरह इनकी गर्दनें लंबी हो जाती हैं। ये काफी कम उम्र से छल्ले पहनने लगती हैं, जिससे गले का आकार बदलकर सुराही नुमा हो जाता है। इस जनजाति में मान्यता है कि महिलाओं की जितनी पतली और लंबी गर्दन होगी, वो उतनी ही खूबसूरत लगेंगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये ब्रास के छल्ले 20 किलो तक भारी हो सकते हैं। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि खेतों में काम करना कितना मुश्किल होता होगा। हालांकि, आपको जानकर हैरानी होगी कि ये प्रथा जब शुरू हुई थी, तब माना जाता था कि जिस महिला की गर्दन लंबी होगी, वो बदसूरत नजर आएगी, और उसे दूसरी जनजाति के लोग अगवा नहीं करेंगे। इस तरह वो खुद को सुरक्षित रखने के लिए गर्दन लंबी करती थीं। एक मान्यता ये भी है कि जिन गांवों में ये लोग रहते हैं, वहां सदियों से बाघ पाए जाते हैं जो इंसानों पर हमला कर देते हैं। हमले में बाघ सबसे पहले इंसान की गर्दन पर हमला करते हैं। इसलिए यहां की महिलाओं ने सालों से गलो को धातु के छल्लों से ढकना शुरू कर दिया। 5-6 साल से बच्चियां गर्दन पर रिंग पहनने लगती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये रिंग 20 हजार रुपये तक की आती है। आज के वक्त में काफी युवतियां रिंग पहनना नहीं पसंद करती हैं। पर बहुत लोग इस ट्रेडिशन को बनाए रखने के लिए भी रिंग आज भी पहनती हैं।

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