‘BJP सरकार ने जो वादे किए वो आज तक नहीं हुए पूरे’, हाथरस कांड के पीड़ित परिवार से मिले राहुल गांधी
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार (12 दिसंबर) को हाथरस में रेप पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान राहुल गांधी की मुलाकात के बाद हाथरस कांड के पीड़ित परिवार ने कहा कि चार सालों के बाद भी हमें न्याय नहीं मिला। ना ही घर और नौकरी का वादा ही पूरा किया गया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सुरक्षा के तामझाम कैदखाने की तरह हो गए हैं। इतना ही नहीं न्याय के इंतजार में परिवार ने मृतका की अस्थियां विसर्जित नहीं की हैं। पीड़ित परिवार ने कहा कि अपनी पीड़ा को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ, सपा मुखिया अखिलेश यादव, नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था जिसमें से केवल राहुल गांधी ने संज्ञान लिया। उनके आने से सुकून मिला।
पूरा परिवार आज भी डर के साए में जी रहा: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एक्स पोस्ट में लिखा कि ‘पूरा परिवार आज भी डर के साए में जी रहा है। उनके साथ क्रिमिनल्स के जैसा व्यवहार किया जा रहा है। वे स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते हैं- उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘भाजपा सरकार ने पीड़ित परिवार से जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं, न तो सरकारी नौकरी दी गई है और न ही उन्हें किसी दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा पूरा किया गया है। पीड़ित परिवार को न्याय देने के बजाय, सरकार उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है। वहीं दूसरी तरफ़ आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इस परिवार की हताशा और निराशा भाजपा द्वारा दलितों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार की सच्चाई को दिखाते हैं। लेकिन हम इस परिवार को यूं ही इनके हाल पर रहने को मजबूर नहीं होने देंगे। इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम पूरी ताक़त के साथ लड़ेंगे।’
महत्वपूर्ण बिंदु
- पीड़ित परिवार ने कहा कि तीन आरोपी छूट गए. दावा किया गया कि नए घर के बदले सरकार मौजूदा संपत्ति जमा करने को कह रही है।
- नौकरी का कोई अता पता नहीं है, सुरक्षा कर्मी कहीं जाने आने नहीं देते. बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही ना ही कोई काम मिल पा रहा है।
- मुआवजे के 25 लाख खत्म होने वाले हैं, भविष्य की चिंता सता रही है, उम्मीद है कि सरकार हमारी सुध लेगी।