कूकी समाज को आतंकवादी बताने वाली मैतई समुदाय की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा भडक़े 90 दिन हो चुके हैं। केंद्र और राज्य सरकार सूबे के हालात सुधारने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। वहीं विपक्षी दल भी लगातार इस मसले को लेकर आवाज उठा रहे हैं। इसी बीच मणिपुर की जातीय हिंसा में शामिल एक समुदाय मैतई के कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। इस याचिका में उन्होंने मणिपुर की हिंसा के लिए जातीय कारण की जगह म्यांमार से हो रही कूकी समुदाय की घुसपैठ को बताया है। इसी के साथ उन्होंने कूकी समाज को आतंकवादी बताने की भी कोशिश की। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। मैतई समुदाय के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि मणिपुर में जो हिंसा हो रही है, वो जातीय हिंसा नहीं है। याचिकाकर्ता का कहना है कि ये हिंसा म्यांमार से आने वाले हथियारबंद कूकी आतंकवादियों द्वारा नशीले पदार्थों की तस्करी के कारण हो रही है। याचिका में कहा गया है कि अवैध रूप से मणिपुर में हो रही अफीम की खेती से जातीय हिंसा हो रही है।
याचिका में मैतई समाज के संगठन ने कहा कि म्यांमार से लगातार सीमा पार कर कूकी आतंकवादी हथियार के बल पर अफीम की अवैध खेती करना चाहते हैं। इन आरोपों के साथ-साथ याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल 32 के तहत दायर इस याचिका को वो स्वीकार नहीं कर सकते हैं। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को उचित फोरम के सामने ये बात उठानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की याचिका पर सुनवाई से इनकार करने के बाद याचिकाकर्ता ने ये याचिका वापस ले ली। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप अपनी याचिका में सुधार करें और ठोस तथ्यों को जोडऩे के बाद दोबारा याचिका दाखिल कर सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि आप एक जनजाति को आतंकवादी बता रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने इस याचिका से सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मणिपुर में कूकी और मैतई समुदाय के बीच 3 मई को जातीय हिंसा भडक़ गई थी। तब से लेकर अब तक सूबे में हिंसा की कई घटना सामने आईं, जिनमें अब तक 180 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले दिनों मणिपुर में हिंसा के दौरान कूकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की घटना सोशल मीडिया के जरिए सामने आई थी, जिसके बाद देशभर में इस घटना को लेकर गुस्सा दिखाई दिया था। इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों की गिरफ्तारी भी की है।
राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने मणिपुर हिंसा के लिए सीबीआई जांच बैठाई। सीबीआई ने मणिपुर हिंसा को लेकर 6 मामले दर्ज किए हैं 10 लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया है। कूकी समुदाय की महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने वाले मामले की भी अब सीबीआई ही जांच करेगी।