दुनिया का सबसे बड़ा फूल, खिलने में लग जाता है सालों का वक्त
सहन नहीं होती इसकी गंध
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पूर्वी एशिया में एक पौधा, खास कर उसका फूल बहुत मशहूर है। इसे कॉर्प्स फ्लॉवर यानी शव फूल कहा जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा फूल माना जाता है। लेकिन इसे शव फूल कहने के पीछे इससे आनी वाली बदबू है जो लोगों को सहन नहीं होती है। दुनिया का सबसे बड़ा फूल अपनी बदबू के लिए मशहूर है। इसे इसी वजह से कॉर्प्स फ्लॉवर यानी लाश का फूल या शव फूल या मुर्दों का फूल कहा जाता है। इसमें से सड़ी हुई लाश की बदबू आती है। फूल की खासियत यह है कि यह हर कुछ सालों में केवल कुछ दिनों के लिए खिलता है। बहुत से लोग खुद को किस्मतवाले मानते हैं कि जब वे उसे खिलता हुआ देख पाते हैं। इस फूल के बारे में कई खास बातें और भी हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं। इस फूल का वैज्ञानिक नाम एमोर्फोफैलस टिटानम है। यह मूल रूप से पश्चिमी इंडोनेशिया का फूल माना जाता है। लेकिन यह पूर्वी एशिया के वर्षावनों का फूल है और इंडोनेशिया के अलावा सुमात्रा और मलेशिया में भी पाया जाता है। पश्चिमी वैज्ञानिकों की जानकारी में यह फूल सबसे पहले 19वीं सदी में आया था। शव फूल दुनिया का सबसे बड़ा फूल होने के साथ ही दुनिया के सबसे दुर्लभ फूलों से एक कहा जाता है। यह डेढ़ मीटर चौड़ा और तीन मीटर से अधिक लंबा फूल होता है। लेकिन कम इस फूल के खिलने का कोई सीजन नहीं होता है। यह 6 से 7 सालों में एक बार खिलता है। इतना ही नहीं यह केवल एक से तीन दिन तक ही खिल पाता है। इसलिए जब भी किसी पौधे पर यह फूल खिलता है तो दुनिया भर में चर्चा होने लगती है। आपको जानकर हैरानी होगी की आकार से भले ही यह एक विशाल फूल लगता है, लेकिन यह बताना मुश्किल है कि कौन सा हिस्सा फूल का है और कौन सा पौधे का। तकनीकी रूप से, एक शव फूल एक फूल वाला पौधा है जिसमें फूलों के गुच्छे होते हैं। पौधे में एक मोटी केंद्रीय स्पाइक होती है, जिसे स्पैडिक्स के रूप में जाना जाता है, जिसका आधार नर और मादा फूलों के दो छल्लों से घिरा होता है। स्पैथ नामक एक बड़ी, फ्रिली पत्ती इन फूलों को उनकी रक्षा के लिए ढंकती है। जब यह फूल खिलता है तो पास का तापमान में इजाफा कर देता है। इसके आसपास का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। इससे पास की हवा गर्म होती है और चिमनी जैसा असर देखने को मिलता है। इससे हवा में बदबू फैलती है जिससे परागण करने वाले कीड़े सड़े हुए मांस की ओर आकर्षित होते हैं। बदबू का कारण एक नहीं कई तरह के अणुओं का मिश्रण है। एक बार जब लाश का फूल खिल जाता है, तो वह मरता नहीं है। कुछ दिनों के बाद स्पैथ मुरझा जाता है और गिर जाता है, और अगर परागण होता है, तो पौधा जल्द ही सैकड़ों छोटे, सुनहरे रंग के फल पैदा करता है। बेर जैसे बीज पक कर सुनहरे या नारंगी रंग के हो जाते हैं जो 5 -6 महीने बाद गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। इसके बाद फूल मुरझा जाता है। कॉर्प्स फ्लॉवर की एक और खास बात यह है कि यह बताना मुश्किल होता है कि इसमें फूल खिलेंगे कि नहीं। और खिलेंगे तो कब खिलेंगे। कई बार फूल 6-7 सालों में खिल जाते हैं तो कभी फूल खिलने में दशक भी लग जाते हैं। दुर्लभ होने के साथ इनके आवास को भी खासा खतरा बताया जाता है। बीज बनने में समय लगने की वजह से इन्हें फिर से उनके इलाके में उगाना आसान नहीं होता है।