मर्द और औरत में कभी बराबरी नहीं हो सकती: नोरा फतेही
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अभिनेत्री नोरा फतेही बॉलीवुड में किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। नोरा हाल में रिलीज हुई फिल्म मडगांव एक्सप्रेस में नजर आई थीं। दर्शकों ने इस फिल्म में नोरा के अभिनय को काफी सराहा था। पिछले दिनों अभिनेत्री एक इंटरव्यू के दौरान अपनी निजी जिंदगी के अलावा फेमिनिज्म पर अपने विचार रखती नजर आईं। नोरा फतेही एक आजाद ख्याल अभिनेत्री हैं। नोरा फेमिनिज्म पर बात करते हुए बोलती हैं, मुझे किसी की जरूरत नहीं है। मैं अपने आप में पूर्ण हूं। मैं फेमिनिज्म के इस विचार को नहीं मानती हूं। मुझे ये बकवास लगता है। वास्तव में मुझे लगता है कि फेमिनिज्म हमारे समाज को खराब कर रहा है। ये आइडिया कि मुझे आजाद रहना है, बच्चे नहीं पैदा करना है और शादी नहीं करनी है मैं इन बातों में विश्वास नहीं करती हूं। नोरा अपनी बात जारी रखते हुए कहती हैं, मैं मानती हूं कि महिलाओं को काम करना चाहिए। उन्हें भी आर्थिक रूप से आजाद होना चाहिए, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि वे पालन-पोषण करने वाले अपने गुणों को भूल जाएं। वैसे ही पुरुषों को भी याद रखना चाहिए कि उन्हें पैसे कमाना है और घर चलाना है। दोनों को एक-दूसरे की जरुरत है। मैं इस बात में विश्वास नहीं करती हूं कि कोई किसी से कम है। नोरा फतेही इस बात पर जोर देकर कहती हैं कि न तो महिलाओं को अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोडऩा चाहिए और न ही पुरुषों को। नोरा कहती हैं, जैसे एक औरत मां होती है, पत्नी होती है वैसे ही पुरुष पिता, पति और भाई होता है। परिवार को चलाने की जिम्मेदारी उसकी होती है। फेमिनिज्म पर नोरा के विचारों को जानकर कुछ इंटरनेट यूजर्स उन्हें ट्रोल भी करने लगे हैं। एक यूजर ने लिखा है, संदीप रेड्डी वांगा को अपनी अभिनेत्री मिल गई है। वे अपनी फिल्मों में महिलाओं को कुछ-कुछ ऐसे ही दिखाते हैं जैसे नोरा यहां बोल रही हैं।