भाजपा में है ज्ञान की कमी: शरद पवार
साधा निशाना- आदिवासियों को ‘वनवासी’ कहना अपमानजनक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘आदिवासियों को ‘वनवासी कहना अपमानजनक है और जो लोग इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं वे अपनी अज्ञानता दिखाते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, कि कुछ लोग जंगलों में रहने वालों की तरह आदिवासियों को ‘वनवासी कहना पसंद करते हैं, अगर मैं यह कहूं कि आदिवासियों को वनवासी कहना अपमान है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। वे आदिवासी हैं।
उन्होंने कहा, वे जल, जंगल और जमीन के वास्तविक मालिक है, जो लोग इस तरह के शब्दों (वनवासी) का उपयोग करते हैं, वे आदिवासियों के प्रति अपनी अज्ञानता के साथ-साथ इस देश में जंगलों के संरक्षण के प्रयासों के प्रति अपनी अनभिज्ञता को भी प्रदर्शित करते हैं, इसका (वनों को संरक्षित करने का) श्रेय उनका (आदिवासियों का) है। पवार के नेतृत्व वाले संगठन ‘यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान ने अपना जनजातीय कल्याण केंद्र शुरू किया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे आदिवासियों के लिए अपमानजनक शब्द वनवासी का इस्तेमाल कर रहे हैं, पिछले साल नवंबर में मध्य प्रदेश में एक रैली के दौरान गांधी ने कहा था कि आदिवासियों को वनवासी कहकर उनका अपमान करने के लिए भाजपा को हाथ जोडक़र माफी मांगनी चाहिए।
जनता की आवाज दबा रही केंद्र सराकर: सचिन पायलट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर । राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा ने पिछले आठ-नौ साल में जनता की आवाज को दबाने का काम किया है। ईडी, सीबीआई औइ इनकम टैक्स विभाग के जरिए दूसरी पार्टी के नेताओं पर झूठे मुकदमें दर्ज कराकर उन्हें डराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वे जनता के मुद्दों को पुरजोर तरीके से ना उठा सके।
पायलट ने कहा- दिल्ली में बैठी भाजपा सरकार का एक ही काम है कि उनसे वैचारिक और राजनैतिक मतभेद रखने वाले लोगों को डराया-धमकाया जाए। जनता की आवाज को दबाकर और मनमाने तरीके से सत्ता में रहा जाए। भाजपा ने महंगाई को बढ़ाया है, युवा विरोधी अग्निवीर योजना को लागू किया, किसान विरोधी कानून बनाए और जब विपक्ष के नेता जनता के इन मुद्दों पर बोलते हैं तो जांच एजेंसियों के माध्यम से उनकी आवाज को दबाने का काम किया जाता है। यह व्यवस्था स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।
ये चुनावी साल है, अब नये-नये नेता, नये-नये राजनैतिक दल आपके बीच आएंगे। आपको धर्म, जाति, भाषा और लिंग के नाम पर बहकाने की कोशिश करेंगे। लेकिन, आपको उनके बहकावे में नहीं आकर विकास के मुद्दों पर चर्चा करनी होगी। जिन लोगों ने आपके सुख-दु:ख में साथ दिया, क्षेत्र में विकास किया है, उन्हें राजनैतिक ताकत देकर उनके हाथों को मजबूत करना होगा।