एमवीए में सीएम फेस को लेकर कोई मतभेद नहीं: उद्धव ठाकरे
- बोले- थोड़ी खींचतान तो आपस में चलती रहती है
- पीएम मोदी को हमारी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आए दिन नए मुद्दे सामने आ रहे हैं। इसमें महायुति और महाविकास आघाड़ी मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भी एक-दूसरे को खूब घेरने में लगे हुए हैं। ऐसे में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं है, लेकिन जिसे ज्यादा सीटें मिलेंगी, वही एमवीए में सीएम बनेगा।
उद्धव ने कहा कि एमवीए में सीएम फेस को लेकर कोई मतभेद नहीं है। हमारे तीनों घटक दलों में कोई विवाद नहीं है। शरद पवार ने कहा है कि जिसकी ज्यादा सीटें आएंगी, वहीं सीएम बनेगा। हालांकि, अभी कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। ठाकरे ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या महायुति बता सकती है कि उनके पास जो गद्दारों की फौज है, उनमें से कौन सीएम बनेगा? पहले आपस में तय कर लो, फिर हमारे तरफ देखो। हमारे अलायंस में कौन सीएम बनेगा, ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उद्धव ने कहा कि एमवीए की ही बात नहीं है। जब भी कोई अलायंस बनता है तो हर दल ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहता है, जिसके सकरात्मक और नकरात्मक दोनों पहलू होते हैं। हम अलायंस इसलिए करते हैं, ताकि सब मिलकर सत्ता में आएं। सीटों को लेकर थोड़ा बहुत खींचतान तो होती है, लेकिन अलायंस तो नहीं टूटा। उद्धव ने कहा कि जैसा बीजेपी ने 2014 और 2019 में हमारे साथ किया। हम 2019 से पहले तक कांग्रेस और एनसीपी के खिलाफ ही चुनाव लड़ते आए हैं।
मोदी युग अब खात्मे की ओर : शरद पवार
पीएम मोदी के प्रहारों को अपने लिए फायदेमंद होने का कटाक्ष करते हुए शरद पवार आत्मविश्वास जताते हैं कि महाराष्ट्र चुनाव का परिणाम संदेश देगा कि मोदी युग समाप्ति की ओर है। प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में प्रदेश की राजनीति की धुरी बने पवार का दावा है कि अंडरकरंट एमवीए के पक्ष में है, जिसका मुकाबला महायुति पैसे से करना चाहता है। उधर राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी के पूर्व सहयोगी दिलीप वलसे पाटिल ने उन्हें धोखा दिया। पवार 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले जिले के अंबेगांव विधानसभा क्षेत्र में राकांपा के उम्मीदवार देवदत्त निकम के समर्थन में एक रैली में बोल रहे थे। प्रतिद्वंद्वी राकांपा ने इस सीट से सात बार के विधायक वलसे पाटिल को मैदान में उतारा है। शरद पवार ने कहा, ‘‘वह कहते रहे कि साहेब (शरद पवार) मेरे बारे में (कुछ भी नकारात्मक) बात नहीं करेंगे, लेकिन मेरे पास कहने के लिए क्या बचा है? पिछले साल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विभाजन के बाद वलसे पाटिल अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट में शामिल हो गए और भाजपा-शिवसेना-राकांपा सरकार में मंत्री बने। शरद पवार ने कहा, ‘‘जिन्हें मैंने पद, शक्ति, अधिकार और प्रतिष्ठा दी है, उनसे मैं कुछ नहीं चाहता। आज कई लोग उनसे परेशान हैं।