यूपी में विधानसभा की इन सीटों पर BJP-सपा में होगा दिलचस्प मुकाबला!
लोकसभा 2024 चुनावी नतीजों के बाद प्रधानमंत्री की नई कैबिनेट बनकर तैयार हो गई है। इस बार इंडिया गठबंधन और NDA में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली है।
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा 2024 चुनावी नतीजों के बाद प्रधानमंत्री की नई कैबिनेट बनकर तैयार हो गई है। इस बार इंडिया गठबंधन और NDA में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली है। इंडिया गठबंधन यूपी में शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसे में यूपी के सियासी खेमे में हलचल सी मची हुई है। दरअसल, यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी के सामने अब उपचुनाव का इम्तिहान होगा। ऐसे में यूपी के 9 विधानसभा सदस्य संसद पहुंचे हैं। अब उनकी खाली हुई सीटों पर न सिर्फ प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन करना होगा। वहीं इन सीटों को जीत कर आगे के लिए संदेश देना भी जरूरी होगा।
वहीं बताया जा रहा है कि विधायकों के इस्तीफा देने का अभी भी सिलसिला जारी है। सपा के चार और भाजपा के पांच विधायक सांसद बने हैं और इसलिए यह उपचुनाव दोनों ही खेमों के लिए इस समय प्रतिष्ठा का सवाल है।
यूपी की इस सीट पर होगा दिलचस्प मुकाबला
आपको बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद चुने गए हैं। ऐसे में उनकी करहल विधानसभा सीट पर सबकी नजर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि इस पर पूर्व सांसद और अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को मौका मिल सकता है। भतीजे तेज प्रताप यादव अखिलेश यादव के विश्वस्त हैं। और मैनपुरी और कन्नौज के चुनाव में लगातार सक्रिय रहे हैं। वहीं अयोध्या के मिल्कीपुर से सपा विधायक अवधेश प्रसाद फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद बन गए हैं।
बताया जा रहा है कि गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग, हाथरस से विधायक अनूप वाल्मीकी, अम्बेडकरनगर के कटेहरी से विधायक लालजी वर्मा, फूलपुर से प्रवीण पटेल, मिर्जापुर के मझवां से डॉ, विनोद बिंद, भदोही के सांसद चुने गए हैं।
- वहीं मीरापुर से RLD विधायक चंदन चौहान बिजनौर के सांसद चुने गए हैं।
- अब 6 महीने के अंदर नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव में एक बार फिर से सियासी दलों की परीक्षा होगी।
इस सिलसिले में यूपी की इन सीटों पर उपचुनाव से गठबंधन के सहयोगियों के बीच भी तालमेल की परीक्षा होगी। वहीं बिजनौर से सांसद बनने वाले चंदन चौहान मीरापुर से RLD के विधायक थे। ऐसे में अब यह सीट उपचुनाव में भी RLD के खाते में जाएगी।
महत्वपूर्ण बिंदु
- अब बीजेपी और आरएलडी के बीच में यहां तालमेल की परीक्षा होगी।
- कांग्रेस इन चार सीटों में अपनी हिस्सेदारी भी मांग सकती है।
- जितिन प्रसाद के विधानपरिषद की सीट खाली होने से एक एमएलसी सीट का भी चुनाव होगा।