कमर दर्द से तुरंत राहत दिलाएंगे ये योगासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अक्सर जीवनशैली में गड़बड़ी, खानपान में पौष्टिकता की कमी और गलत पोस्चर के कारण शरीर में दर्द की समस्या हो सकती है। पहले बड़े-बुजुर्गों को शरीर दर्द की शिकायत हुआ करती है लेकिन अब कम उम्र में भी लोगों को शरीर दर्द की शिकायत बढ़ रही है। अधिकतर महिलाओं को उठने-बैठने और झुकने में पीठ व कमर में दर्द की परेशानी रहती है। समस्या से निजात के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा कुछ योगासन के अभ्यास से भी पीठ व कमर दर्द की परेशानी को कम किया जा सकता है और पोस्चर में सुधार लाया जा सकता है।

शलभासन

पोस्चर में सुधार और पीठ दर्द से राहत पाने के लिए शभलासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेटकर दोनों हथेलियों को जांघों के नीचे रखें। दोनों पैरों की एडिय़ों को आपस में जोडक़र पैर के पंजे को सीधा रखें। धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें। दोनों पैरों को ऊपर की ओर ले जाते समय गहरी सांस लें और इस अवस्था में कुछ देर रहने के बाद पैरों को नीचे की ओर लाएं। रीढ़ की हड्डी और कटी प्रदेश मजबूत होता हैं। साइटिका (गृध्रसी) से पीडि़त व्यक्तिओ के लिए विशेष लाभकारी हैं। कमर और पैरो को मजबूती मिलती हैं। गर्दन और कंधो के स्नायु को मजबूती प्राप्त होती हैं। पेट और कमर की अतिरिक्त चर्बी कम करने में सहायक हैं।

भुजंगासन

कमर दर्द से राहत पाने के लिए भुजंगासन का अभ्यास फायदेमंद है। इस आसन को करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेटकर पैरों को आपस में मिलाएं और हथेलियों को सीने के पास कंधों की सीध पर रखें। माथे को जमीन पर रखकर शरीर को सहज करें। अब गहरी सांस लेते हुए शरीर के आगे के हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं। दोनों हाथों को सीधा उठाते हुए 15-20 सेकेंड इसी मुद्रा में रहें। फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य मुद्रा में लौट आएं। भुजंगासन पीठ की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में असरदार योग है।भुजंगासन को पाचन, लिवर और किडनी के कार्यों में सुधार करने वाला योगासन माना जाता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है। छाती और फेफड़ों, कंधों और पेट की मांसपेशियों को फैलाता है। तनाव और थकान को दूर करने में मदद करता है। साइटिका की समस्या को कम करने में लाभदायक।

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन करने के लिए घुटनों के बल बैठकर दोनों घुटनों की चौड़ाई कंधों के बराबर रखें। तलवे आसमान की तरफ उठाएं और रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए दोनों हाथों से एडिय़ों को छूने का प्रयास करें। ध्यान दें कि इस स्थिति में रहते समय गर्दन पर अधिक दबाव न पड़े और कमर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा सीधा रहे। इस अवस्था में रहकर गहरी सांस लें। कुछ देर बाद अपनी सामान्य अवस्था में लौट आएं। इस आसन की मदद से पीठ, हिप्स और टखनों के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर अच्छे से स्ट्रेच भी होता है। इस योगासन की मदद से आप दिमाग को शांत कर सकते हैं और तनाव से दूर रह सकते हैं। सिर दर्द और अनिद्रा की समस्या में भी आप इस आसन को कर सकते है। इससे पाचन संबंधी समस्याओं और एब्स को टोन करने में सहायता मिलती है। इस आसन में आप जब नीचे की ओर झुकते है तो इससे जांघों और घुटनों में भी मजबूती आती है। इस योगासन से हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, साइनोसाइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस में आराम मिलता है।

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