उद्धव-शरद को जनता ने माना असली शिवसेना और एनसीपी
- दोनों दलों को मिली जनता की सहानुभूति
- महाराष्ट्र में भाजपा हो गई चौपट, कांग्रेस बनी सबसे बड़ी पार्टी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। जनता ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में अपना जनादेश सुना दिया है। 400 सीटें जीतने का दंभ भरने वाली बीजेपी अबकी अकेले दम पर पूर्ण बहुमत भी हासिल नहीं कर सकी है। हालांकि, एनडीए गठबंधन ने बहुमत के आंकड़े को पा लिया है। वहीं विपक्ष के इंडिया गठबंधन ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 234 सीटों पर जीत हासिल की है। इस बार के नतीजों ने कई राज्यों में चौंकाया है।
जिन राज्यों के चुनाव नतीजे भाजपा के अनुरूप नहीं आए हैं, उनमें महाराष्ट्र भी प्रमुख है। इस राज्य में 2019 के चुनाव में 23 सीटे जीतने वाली भाजपा इस बार नौ सीटों पर ही सिमटकर रह गई है। वहीं पिछले चुनाव में एक सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार 13 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इन चुनाव नतीजों से एक बात साफ हुई है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी को लोगों की सहानुभूति मिली है और जनता ने इन्हीं दोनों को असली शिवसेना और एनसीपी माना है। शिवसेना यूबीटी और एनसीपी एसपी ने बगावत, टूट देखी और दोनों के चुनाव चिन्ह छिन गए, यहां तक कि नाम भी बदलने पड़े, इसके बावजूद जनता ने इन दोनों पार्टियों को असली का तमगा देते हुए खूब सीटें दीं। महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी को नौ और एनसीपी एसपी को 8 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा नौ सीटों पर सिमट गई है, जबकि कांग्रेस 13 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को सात और अजित पवार की एनसीपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है। जोरदार जीत के बाद शिवसेना यूबीटी के पार्टी कार्यालय के बाहर पोस्टर भी लग गए, जिनमें लिखा था कि कौन असली शिवसेना है? जनता ने ये बता दिया है।
सीएम पद को लेकर हुई थी भाजपा-शिवसेना में तनातनी
महाराष्ट्र में पिछला चुनाव भाजपा और शिवसेना (अविभाजित) ने मिलकर लड़ा था और राज्य की 48 सीटों में से 41 पर कब्जा किया था। बाद में दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ा और बंपर जीत हासिल की, लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों में ठन गई। नतीजा ये हुआ कि शिवसेना ने गठबंधन तोडक़र एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी की सरकार बना ली। इस बीच साल 2022 में शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे ने बगावत कर पार्टी तोड़ ली और भाजपा के साथ गठबंधन करके सीएम बन गए। वहीं लंबे समय से सत्ता में आने की जुगत में लगे अजित पवार ने भी अपने चाचा और एनसीपी मुखिया शरद पवार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया।
महाराष्ट्र की जनता पर है गर्व : शरद पवार
अब लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ हो गया है कि भले ही चुनाव आयोग ने शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को असली माना, लेकिन जनता शायद ऐसा नहीं मानती और इस सहानुभूति का फायदा उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टियों को मिले जनसमर्थन के रूप में दिखा। चुनाव नतीजों के बाद शरद पवार ने राज्य की जनता को धन्यवाद भी दिया और कहा कि उन्हें महाराष्ट्र की जनता पर गर्व है।